GST काउंसिल की बैठक में कारोबारियों को मिले कई तोहफे, जानें पूरी रिर्पोट
सरकार ने न सिर्फ थ्रेसहोल्ड की लिमिट 20 से बढ़ाकर 40 लाख रुपए कर दी है, बल्कि कंपोजिशन स्कीम का दायरा भी 1 करोड़ से बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपए कर दिया है।
जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत मिली है। यह छोटे कारोबारियों के लिए नए साल का तोहफा भी हो सकता है। जी न्यूज वेब पोर्टल की रिर्पोट के अनुसार सरकार ने न सिर्फ थ्रेसहोल्ड की लिमिट 20 से बढ़ाकर 40 लाख रुपए कर दी है, बल्कि कंपोजिशन स्कीम का दायरा भी 1 करोड़ से बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपए कर दिया है। बता दें कि जीएसटी काउंसिल की 31 वीं और इस साल की पहली बैठक है।
MSMEs सेक्टर को मिली सौगात
ऐसा करने से चुनावों से पहले MSMEs सेक्टर को बढ़ी सौगात मिली है। सरकार ने जीएसटी थ्रेशहोल्ड की लिमिट 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 40 लाख रुपए कर दी है। इससे छोटे और मंझोले कारोबारियों को फायदा मिलेगा साथ ही रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। इसका मतलब यह है कि अब 40 लाख रुपए तक सालाना टर्नओवर करने वाले कारोबारी को जीएसटी रजिस्ट्रेशन की जरुरत नहीं होगी।
कंपोजिशन स्कीम का बढ़ा दायरा
साथ ही बार-बार जीएसटी रिटर्न फाइल करने वाले व्यापारियों को राहत देते हुए सरकार ने कंपोजिशन स्कीम का दायरा बढ़ा दिया है। अब 1 करोड़ रुपए की बजाय 1.5 करोड़ रुपए तक टर्नओवर वाले स्मॉल ट्रेडर्स और मैन्युफैक्चरर भी कंपोजीशन स्कीम के दायरे में आएंगे। नया नियम 1 अप्रैल 2019 से लागू किया जाएगा।
सालाना आधार पर रिटर्न कर सकते हैं फाइल
इसके अलावा सबसे बड़ी राहत यह है कि कंपोजिशन स्कीम के दायरे में आने वाले कारोबारी तिमाही की बजाय, सालाना आधार पर रिटर्न फाइल कर सकेंगे। कंपोजीशन स्कीम में आने वाले कारोबारियों के लिए कुछ बिक्री पर एकमुश्त जीएसटी जमा करना होता है और टैक्स भी एक फिक्स रेट पर देना होता है।
केरल को आपदा सेस की मंजूरी और मकान पर जीएसटी का फैसला टला
इसके अलावा बैठक में 50 लाख तक का कारोबार करने वाली सर्विस सेक्टर यूनिट को भी कंपोजिशन स्कीम के दायरे में लाया गया है। इन पर 6 प्रतिशत की दर से टैक्स लगेगा। तो वहीं जीएसटी काउंसिल ने केरल को 2 साल के लिए 1 प्रतिशत आपदा सेस लगाने की मंजूरी भी दे दी है।
साथ ही अंडर कंस्ट्रक्शन Flat और मकान पर जीएसटी की दर घटाने का फैसला टाल दिया गया है। इसके लिए कमेटी बनाई गई है।