लोकसभा में पास हुआ सवर्णों से जुड़ा आरक्षण, आज राज्यसभा में किया जाएगा पेश
आर्थिक रुप से कमजोर सामान्य वर्ग के कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रावधान वाले ऐतिहासिक संविधान संशोधन विधेयक को मंगलवार को 3 के मुकाबले 323 मतों से लोकसभा की मंजूरी मिल गई है।
आर्थिक रुप से कमजोर सामान्य वर्ग के कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रावधान वाले ऐतिहासिक संविधान संशोधन विधेयक को मंगलवार को 3 के मुकाबले 323 मतों से लोकसभा की मंजूरी मिल गई है। अब आज बुधवार को आरक्षण बिल को राज्यसभा में पेश किए जाने की संभावना है जहां उच्च सदन की बैठक एक दिन और बढ़ा दी गई है।
लगभग सभी दलों ने किया समर्थन
आपको बता दें कि लोकसभा में विपक्ष सहित लगभग सभी दलों ने संविधान (124 वां संशोधन), 2019 विधेयक का समर्थन किया। साथ ही सरकार ने दावा किया कि कानून बनने के बाद यह न्यायिक समीक्षा की अग्निपरीक्षा में भी खरा उतरेगा क्योंकि इसे संविधान के जरिए लाया गया है।
राज्यसभा में सांसदों की मौजूद संख्या 244 है। बिल पारित कराने के लिए वहां दा तिहाई सांसदों यानी 163 वोटों की जरुर होगी।
सवर्ण आरक्षण के लिए प्रमुख मापदंड
- परिवार की सालाना आमदनी 8 लाख रुपए से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
- परिवार के पास 5 एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि नहीं होनी चाहिए।
- आवेदक के पास 1,000 वर्ग फीट से बड़ा Flat नहीं होना चाहिए।
- म्यूनिसिपलिटी एरिया में 100 गज से बड़ा घर नहीं होना चाहिए।
- नॉन नोटिफाइड म्यूनिसिपलिटी में 200 गज से बड़ा घर न हो।
पीएम मोदी का विचार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब सामान्य वर्ग के लोगों के आरक्षण से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक पारित होने के बाद सभी पार्टियों के सांसदों को धन्यवाद कहा। इस मौके पर मोदी ने कहा कि उनकी सरकार सबका साथ सबका विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
अन्य पार्टियों की रिर्पोट
तो वहीं कांग्रेस आदि कुछ दलों ने बिल को जल्दबाजी में की गई कवायद बताया। फिलहाल आम चुनाव सामने देख विरोध करने से बचे। कांग्रेस ने बिल को सलेक्ट कमेटी में भेजे जाने की मांग की। जिस पर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बिल को लेकर उठाई जा रही आशंकाओं का जवाब देते हुए भरोसा जताया कि यह कोर्ट की कसौटी पर भी खरा उतरेगा।