संसदीय समिति ने आरबीआई से एटीएम की दिक्कतों को दूर करने को कहा
संसद की एक समिति ने भारतीय रिजर्व बैंक से एटीएम से जुड़ी दिक्कतों को दूर करने को कहा है। समिति ने कहा है कि एटीएम बंद होने से कई बार ग्राहकों के पास नकद धन का संकट खड़ा हो जाता है।
संसद की एक समिति ने भारतीय रिजर्व बैंक से एटीएम से जुड़ी दिक्कतों को दूर करने को कहा है। समिति ने कहा है कि एटीएम बंद होने से कई बार ग्राहकों के पास नकद धन का संकट खड़ा हो जाता है। ऐसे में केंद्रीय बैंक को इस दिशा में उचित कदम उठाने चाहिए।
वित्त पर संसद की स्थाई समिति (पार्लियामेंटरी स्टैंडिंग कमेटी ऑन फाइनेंस) ने बैंकों से पर्याप्त मात्रा में एटीएम लगाने को भी कहा है। वहीं समिति की रिपोर्ट पिछले सप्ताह संसद में पेश की गई।
2018 के अंत तक देश में थे 2.21 लाख से ज्यादा एटीएम
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार सितंबर, 2018 के अंत तक देश में ऑटोमेटेड टेलर मशीन एटीएम की संख्या 2,21,492 थी। इनमें से 1,43,844 एटीएम सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के, 59,645 निजी क्षेत्र के बैंकों तथा 18,003 एटीएम विदेशी बैंकों, भुगतान बैंकों, स्मॉल फाइनेंस बैंकों और व्हाइट लेबल एटीएम थे।
डिजिटल लेनदेन अभी तक यूनिवर्सल नहीं हुआ
हांलाकि बता दें कि रिपोर्ट में कहा गया है कि डिजिटल लेनदेन अभी तक यूनिवर्सल नहीं हुआ है। ऐसे में समिति चाहती है कि रिजर्व बैंक एटीएम के ठप होने, बैंकों के एटीएम में कमी की समस्या को दूर करने के लिए तेजी से काम करे। साथ ही सभी अंशधारकों के लिए एटीएम की आर्थिक व्यवहार्यता को भी सुनिश्चित किया जाए। जिससे जनता के समक्ष नकदी का संकट पैदा नहीं हो।
ग्रामीण-अर्द्धशहरी क्षेत्रों में एटीएम में नकदी की समस्या
वहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता एम वीरप्पा मोइली की अगुवाई वाली समिति ने कहा है कि रिजर्व बैंक द्वारा सिस्टम में नकदी डालने के अभियान के बावजूद ग्रामीण-अर्द्धशहरी क्षेत्रों में एटीएम में नकदी की आपूर्ति की समस्या हल नहीं हुई है। इस वजह से कई एटीएम बंद हो गए हैं।