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बैंकों ने 2017-2018 में वसूला 40,400 करोड़ रुपये का फंसा कर्ज

बैंकों ने पिछले वित्त वर्ष में इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड आईबीसी और दूसरे कानूनों के तहत कदम उठाते हुए 40,000 करोड़ रुपये से अधिक के फंसे कर्ज यानी एनपीए को वसूलने में सफलता पाई है।

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बैंकों ने पिछले वित्त वर्ष में इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड आईबीसी और दूसरे कानूनों के तहत कदम उठाते हुए 40,000 करोड़ रुपये से अधिक के फंसे कर्ज यानी एनपीए को वसूलने में सफलता पाई है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।

वहीं मार्च 2018 को समाप्त वित्त वर्ष में बैंकों ने कुल एनपीए में से 40,400 करोड़ रुपये मूल्य की वसूली की है। हांलाक‍ि 2016-17 में यह आंकड़ा 38,500 करोड़ रुपये रहा था।

बैंकों ने की 40,400 करोड़ रुपये के फंसे कर्ज की वसूली

आईबीसी के अलावा सरफेसी भी आया काम

बैंकों ने आईबीसी कानून के अलावा द सिक्योरटाइजेशन एंड रिकंस्ट्रक्शन ऑफ फाइनेंशियल एसेट्स एंड इन्फोर्समेंट ऑफ सिक्योरिटीज इंट्रेस्ट एक्ट, 2002 सरफेसी कानून, कर्ज वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) और लोक अदालतों के जरिए अपने पुराने फंसे कर्ज की वसूली की है।

आईबीसी और सरफेसी से कितने वसूले

रिजर्व बैंक की बैंकों की 2017-18 में प्रवृत्ति तथा प्रगति शीर्षक से जारी सालाना रिपोर्ट के अनुसार बैंकों ने वर्ष 2017-18 में आईबीसी के जरिए 4,900 करोड़ रुपये की वसूली की, जबकि सरफेसी कानून के माध्यम से 26,500 करोड़ रुपये वसूले।

English summary

Banks Recover Rs 40400 Crore From Defaulters In 2017-2018 RBI Report

In the year 2017, the banks had recovered about 38,500 crore rupees, whereas in the financial year 2018, the increase has been recorded।
Story first published: Monday, December 31, 2018, 11:15 [IST]
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