Aadhaar के लिए यदि कंपनी ने दबाव डाला तो जुर्माने के साथ जेल की सजा भी
यदि कोई कंपनी किसी सेवा के लिए ग्राहक पर Aadhaar देने का दबाव बनाती है तो भारी जुर्माने के साथ ही ऐसा करने वाले को जेल की सजा भी हो सकती है।
आधार कार्ड को लेकर एक और फैसला आ गया है। यदि कोई कंपनी किसी सेवा के लिए ग्राहक पर Aadhaar देने का दबाव बनाती है तो भारी जुर्माने के साथ ही ऐसा करने वाले को जेल की सजा भी हो सकती है। इस नए नियम के तहत आधार की जानकारी का इस्तेमाल सिर्फ वही संस्थाएं कर सकती हैं, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने इसकी इजाजत दी है।
जुर्माने के साथ 10 साल की सजा
इसका अर्थ यह है कि अब मोबाइल सेवा देने वाली कंपनियां या बैंक पहचान के सबूत के लिए आधार देने का दबाव ग्राहक पर नहीं बना सकेंगे। उन्हें ग्राहकों को पहचान के सबूत के लिए दूसरे विकल्पों के बारे में बताना होगा। सरकारी अधिकारियों के अनुसार नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर भारी जुर्माने के साथ ही 10 साल की जेल की सजा का प्रस्ताव है।
तीन कानूनों में होगा संशोधन
सरकार आधार अधिनियम सहित तीन कानूनों में संशोधन करेगी। इसके बाद आधार के लिए दबाव बनाने पर जुर्माना लगाने के साथ ही आधार e-kyc का वैकल्पिक इस्तेमाल और ऑफलाइन आधार वेरिफिकेशन किया जा सकेगा। सोमवार को केंद्रीय कैबिनेट ने आधार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर कम्युनिकेशंस और मनी लाउंड्रिंग कानून में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
पुराना जुर्माना भी रहेगा लागू
कम्युनिकेशंस और मनी लाउंड्रिंग कानून में संशोधन के बाद ग्राहकों को मोबाइल कनेक्शन लेने या बैंक में खाता खोलने के लिए 12 संख्या वाले बायोमैट्रिक आईडी के ई-केवाईसी फीचर का इस्तेमाल करने का विकल्प मिल जाएगा। अधिकारियों के अनुसार पुराने जुर्माने को जारी रखने के साथ दो या तीन नए जुर्माने के लिए कानून बनाया जा रहा है।
कंपनी को देना होगा जानकारी
अधिकारियों ने यह भी कहा है कि कानून के तहत यदि कोई कंपनी ग्राहक को पहचान या ऑथेंटिकेशन के दूसरे विकल्पों की जानकारी नहीं देती है तो उस पर जुर्माना लगेगा। उम्मीद है कि सरकार संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में इन संशोधनों के लिए प्रस्ताव पेश कर देगी। संसद का यह सत्र 8 जनवरी तक चलेगा।