जल्द ही कर सकेंगे फ्लाइट और शिप में मोबाइल का इस्तेमाल
हवाई उड़ान के दौरान भी आपको अपने मोबाइल फोन को फ्लाइट मोड करने से जल्द राहत मिलने वाली है।
हवाई उड़ान के दौरान भी आपको अपने मोबाइल फोन को फ्लाइट मोड करने से जल्द राहत मिलने वाली है। सरकार ने हवाई और समुद्री यात्रा करने वाले लोगों को भारतीय सीमा में मोबाइल फोन से कॉल करने या इंटरनेट चलाने की सुविधा जल्द ही मिलनी शुरू हो जाएगी। भारतीय सीमाओं के अंदर इस तरह की सेवाएं देने के बाबत नियम अधिसूचित कर दिए गए हैं।
शुक्रवार को अधिसूचित इन फ्लाइट एंड मैरीटाइम कनेक्टिविटी आईएफएमसी नियमावली-2018 के अंतर्गत भारतीय और विदेशी विमानन और नौवहन सेवा कंपनियां भारतीय सीमा में परिचालन के समय भारत के किसी भी टेलिकॉम प्रोवाइडर के साथ मिलकर इस तरह की सेवाएं दे सकेंगी।
यह नियमावली भारत के ऑफिशियल गजट में प्रकाशित किए जाने के बाद लागू हो जाएगी। इन फ्लाइट एंड मैरीटाइम कनेक्टिविटी उपग्रह और भू-स्थित संपर्क सुविधाओं के माध्यम से दी जा सकेगी। इसमें विदेशी उपग्रह सुविधा की मदद लेने के लिए अंतरिक्ष विभाग की अनुमति लेनी होगी।
सरकार राजस्व में हिस्सा लेगी
हांलाकि विमानों के भारतीय वायुसीमा में न्यूनतम 3000 मीटर की उंचाई पर पहुंचने के बाद ये सेवाएं दी जा सकेंगी। ताकि क्षेत्रीय मोबाइल सेवा नेटवर्क के संकेतों में व्यवधान न पैदा हो। इस सेवा के लिए लाइसेंस 1 रुपये वार्षिक शुल्क पर 10 वर्ष के लिए जारी किया जायेगा। लाइसेंस धारक से सरकार रेडियो तरंग शुल्क और राजस्व में हिस्सा लेगी।
टेलीग्राफ संकेतों का इस्तेमाल होगा
बता दें कि उपग्रहों के माध्यम से यह सेवा देने के लिए जरुरी होगा कि टेलीग्राफ संकेतों को भारतीय सीमा में स्थापित सैटेलाइट गेटवे अर्थ स्टेशनों के रास्ते ही भेजा जाये। ये केंद्र भारत में लंबी दूरी की टेलिकॉम सर्विस देने वाली कंपनियों और इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनियों के साथ परस्पर जुड़े होंगे।