दिल्ली हाईकोर्ट ने ऑनलाइन दावा की बिक्री पर लगाया रोक
अगर आप भी ऑनलाइन दवा की खरीदारी करते हैं तो यह खबर आपके लिए वाकई मायने रखती है।
अगर आप भी ऑनलाइन दवा की खरीदारी करते हैं तो यह खबर आपके लिए वाकई मायने रखती है। दिल्ली हाईकोर्ट ने दवा की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगा दिया है। इतना ही नहीं डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन पर लिखी गयी दवाओं पर भी यह नियम लागू होता है।
प्रतिबंधित दवाओं की रोक के लिए उठाया कदम
आपको बता दें कि इस तरह के फैसले लेने के पीछे बहुत बड़ी वजह है। दरअसल हाईकोर्ट यह मानता है कि ऑनलाइन तरीके से कोई व्यक्ति प्रतिबंधित दवा भी मंगा सकता है। जिससे इस सुविधा का दुरूपयोग किया जा सकता है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली और केंद्र सरकार को इस आदेश पर तुरंत प्रभाव से अमल करने के आदेश भी दिए हैं। दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वी के राव की पीठ ने एक याचिका पर यह अंतरिम आदेश दिया है। जिसमें दवाओं की ऑनलाइन 'गैरकानूनी' बिक्री पर रोक लगाने की मांग की गई।
अगली सुनवाई अगले साल 25 मार्च
वहीं अदालत ने इससे पहले इस याचिका पर केंद्र, दिल्ली सरकार, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन, भारतीय फार्मेसी परिषद से जवाब मांगा। अदालत ने इस मामले में आगे की सुनवाई के लिए अगले साल 25 मार्च की तारीख तय की। डॉक्टर जहीर अहमद द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि दवाओं की ऑनलाइन गैरकानूनी बिक्री से दवाओं के दुरुपयोग जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
दवाओं की ऑनलाइन बिक्री का बनाया ड्राफ्ट
बता दें कि इस साल सितंबर में स्वास्थ्य मंत्रालय ने दवाओं की ऑनलाइन बिक्री का एक ड्राफ्ट बनाया था। इसके मुताबिक, ऑनलाइन दवाओं की बिक्री के लिए ई फार्मेसी को एक केंद्रीय प्राधिकार के पास पंजीकरण करवाना होगा। इन कंपनियों को मादक द्रव्यों की बिक्री की अनुमति नहीं होगी। ऑनलाइन फार्मेसी को केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के यहां पंजीकरण करवाना होगा।