कंपनियां अगले साल देंगी ज्यादा नौकरियां
नौकरी के अच्छे और बेहतर विकल्प नए साल में सामने आयेंगे। बता दें कि आधा से ज्यादा कंपनियां 2019 में ज्यादा कर्मचारियों की भर्ती करेंगी। जबकि सिर्फ तीन फीसदी कंपनियां कम भर्ती करेंगी।
नौकरी के अच्छे और बेहतर विकल्प नए साल में सामने आयेंगे। बता दें कि आधा से ज्यादा कंपनियां 2019 में ज्यादा कर्मचारियों की भर्ती करेंगी। जबकि सिर्फ तीन फीसदी कंपनियां कम भर्ती करेंगी। ग्लोबल कंसल्टिंग एचआर फर्म मर्सर के एक सीनियर अफसर ने यह जानकारी दी है।
हांलाकि मर्सर में इंडिया बिजनेस लीडर शांति नरेश का कहना हैं कि हायरिंग आउटलुक 2019 में सकारात्मक दिख रहा है। 50 फीसदी से ज्यादा कंपनियों के कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की उम्मीद है।
सिर्फ 3 फीसदी कंपनियां कम भर्ती करेंगी। हमारे इम्पलॉई सर्वे से यह जानकारी मिली है। अगले साल हायरिंग ट्रेंड के बारे में पूछने पर उन्होंने यह जानकारी दी।
मर्सर (इंडिया) के सीईओ अनीश सरकार का भी कहना हैं कि पिछले दो साल में नई भर्तियों का ट्रेंड अच्छा रहा है।अगले साल के लिए भी अच्छा परिदृश्य दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि प्रमुख क्षेत्रों में के अलावा सेल्स, रिसर्च और डेवलपमेंट में कर्मचारियों की अच्छी मांग दिख रही है।
जबकि मर्सर के सीनियर एग्जिक्यूटिव मुस्तफा फैजानी ने नौकरियों के मौकों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के असर के बारे में कहा कि एआई से कुछ नौकरियां खत्म होंगी। लेकिन कुछ नौकरियां बढ़ेंगी भी। शुद्ध रूप से अलग-अलग सेक्टर में एआई के चलते नौकरियां बढ़ेंगी।
लेकिन, वहीं जिन लोगों की नौकरियां खत्म होंगी, उनके कौशल को बढ़ाने के बाद नई अर्थव्यस्था में उन्हें रोजगार देना चुनौती होगी।
बता दें कि एआई के इस्तेमाल के बारे में फैजानी का कहना हैं कि क्रेडिट एप्रूवल्स से लेकर आवेदक के डिफॉल्ट का अंदाजा लगाने जैसा काम एआई कर रहे हैं।
अब इन कामों के लिए इनसान की जरुरत नहीं रह गयी है। एआई से काम की रफ्तार बढ़ी है। एआई मनी लाउंड्रिंग पर अंकुश लगाने में भी मददगार है। इसकी मदद से दुनिया भर में फाइनेंशियल सेक्टर में लेनेदेन और पैसे की आवाजाही का पता लगाया जा सकता है।