आईसीआईसीआई बैंक ने लोन की दरों में की बढ़ोतरी
आईसीआईसीआई बैंक ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड आधारित लेंडिंग रेट्स एमसीएलआर की लागत 10 आधार अंक बीपीएस बढ़ा दी है।
आईसीआईसीआई बैंक ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड आधारित लेंडिंग रेट्स एमसीएलआर की लागत 10 आधार अंक बीपीएस बढ़ा दी है। इसका एक साल का एमसीएलआर अब 8.8 फीसदी है। अन्य कार्यकाल के लिए एमसीएलआर 8.55 फीसदी और 8.75 फीसदी के बीच है। आपको इस बात से अवगत करा दें कि रिवाइज्ड रेट शनिवार से प्रभावी हैं।
पिछले महीने की आखिरी में, एसबीआई ने कुछ रिटेल टर्म डिपाजिट पर ब्याज दरें 10 बीपीएस बढ़ा दी थीं। जिससे यह संकेत मिलता है कि इस महीने के अंत में उधारी दरों में बढ़ोतरी की जा सकती है।
बैंक की वेबसाइट पर एक नोटिफिकेशन के मुताबिक, एसबीआई ने पहले एमसीएलआर की मासिक समीक्षा के लिए पहले की 1 तारीख को 10 तारीख से बदल दी है।
इस बात की जानकारी दें कि आईसीआईसीआई बैंक ने बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई के मोनेटरी पॉलिसी निर्णय की घोषणा आने से ठीक पहले ही लेंडिंग रेट्स को बढ़ा दिए हैं। दूसरी तरफ एक्सपर्ट्स का कहना है कि आरबीआई को रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर रख सकती है।
क्या है? एमसीएलआर
बता दें कि अप्रैल 2016 से पहले आरबीआई द्वारा कर्ज देने के लिए तय मिनिमम रेट बेस रेट कहलाती थी। यानी बैंक इससे कम दर पर ग्राहकों को कर्ज नहीं दे सकती थी। यह 1 अप्रैल 2016 से बैंकिंग सिस्टम में एमसीएलआर यानी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट लागू हो गई और यह कर्ज के लिए मिनिमम रेट बन गई।
यानी उसके बाद एमसीएलआर के आधार पर ही कर्ज दिया जाने लगा। बैंकों द्वारा एमसीएलआर बढ़ाए जाने का असर नए कर्ज लेने वालों के अलावा उन ग्राहकों पर पड़ता है, जिन्होंने अप्रैल 2016 के बाद कर्ज लिया हो।
वहीं पीएनबी ने 1 नवंबर से अपनी एमसीएलआर को 0.05 फीसदी बढ़ाया था। यह जानकारी बैंक ने रेगुलेटरी फाइलिंग में दी थी। इसके बाद पीएनबी से 1 साल वाले कर्ज के लिए एमसीएलआर बढ़कर 8.50 फीसदी हो गई।