मोदी सरकार ने लॉन्च किया पैसा पोर्टल, मिलेगी लोन और ब्याज सब्सिडी की जानकारी
लोन और ब्याज सब्सिडी जैसी सेवाओं के बारे में जानकारी देने और लाभार्थियों को सीधे बैंक से जोड़ने के लिए मोदी सरकार ने सोमवार को पैसा (PAiSA) पोर्टल लॉन्च किया है।
लोन और ब्याज सब्सिडी जैसी सेवाओं के बारे में जानकारी देने और लाभार्थियों को सीधे बैंक से जोड़ने के लिए मोदी सरकार ने सोमवार को पैसा (PAiSA) पोर्टल लॉन्च किया है। आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा शुरु किए गए इस पोर्टल का नाम पैसा (Portal for Affordable Credit And Interest Subvention Access) रखा गया है। जिसकी शुरुआत दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत की गई है।
पैसा पोर्टल का उद्देश्य
इस पोर्टल से खुद से रोजगार प्रोग्राम के तहत छोटा कारोबार करने वालों को सस्ता लोन और ब्याज सहायता की प्रोसिसिंग में मदद मिलेगी। पोर्टल का मुख्य उद्देश्य पात्र लाभार्थियों को ब्याज सब्सिडी की प्रोसेसिंग के लिए एक केंद्रीकृत मंच प्रदान करना है। जिसकी मदद से DAY-NUML के तहत मासिक आधार पर अनुदान का प्रत्यक्ष लाभ हंस्तातरण होने से छोटे उद्यमियों को आवश्यक वित्तीय सहायता भी उपलब्ध होगी।
पैसा पोर्टल योजना का नोडल बैंक
बता दें कि पैसा पोर्टल को इलाहाबाद बैंक ने विकसित किया है। यही योजना का नोडल बैंक भी है। इस पोर्टल में 30 बैंक शामिल हैं। इसके अलावा 25 राज्य भी इससे जुड़ चुके हैं। आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के अनुसार सभी 35 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश, सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और सरकारी बैंक इस साल के अंत तक पोर्टल से जुड़ जाएंगे। सरकार की ओर से कहा गया है कि इस पोर्टल की मदद से सेवाओं की आपूर्ति में बेहतर पारर्दिशता और दक्षता सुनिश्चित हो सकेगी।
अभी तक इतने लोगों को मिला है लोन
आपको बता दें कि राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत अभी तक कुल 36258 लाभार्थियों के लिए 51,177 लाख रुपए का लोन स्वीकृत किया गया है। इसमें 16577 महिला लाभार्थी भी शामिल हैं। लाभार्थियों को अभी तक ब्याज में 145 लाख रुपए की राहत भी दी जा चुकी है।
दीनदयाल अंत्योदय योजना के बारे में
दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन को 23 सितम्बर 2013 को आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय द्वारा स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना की जगह इस मिशन की शुरुआत की गई थी। इस मिशन का उद्देश्य शहरी गरीबों में कौशल विकास करके उनके लिए मौके तैयार करना है। इसके अलावा स्वरोजगार स्थापित करने, बेघर लोगों के लिए आश्रय और लोगों की आजीविका से संबंधित समस्याओं पर ध्यान देना है।