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RBI: देश के चार बड़ें बैंकों को देगी राहत

कुछ सरकारी बैंकों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से जल्द ही राहत मिल सकती है। फाइनेंस मिनिस्ट्री को उम्मीद है कि मौजूदा वित्त वर्ष में तीन से चार बैंक आरबीआई की त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई निगरा

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कुछ सरकारी बैंकों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से जल्द ही राहत मिल सकती है। फाइनेंस मिनिस्ट्री को उम्मीद है कि मौजूदा वित्त वर्ष में तीन से चार बैंक आरबीआई की त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई निगरानी सूची से बाहर हो जाएंगे। मंत्रालय का मानना है कि दिशा-निर्देशों में जरूरी बदलाव और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मुनाफे में सुधार के बाद ऐसा संभव है। सूत्रों की तरफ से इस बारे में जानकारी दी गई है।

11 बैंक पीसीए के ढ़ाचे में

11 बैंक पीसीए के ढ़ाचे में

भारतीय र‍िजर्व बैंक ने 21 सरकारी बैंक में से 11 बैंकों को पीसीए के ढ़ाचे में रखा है। ये कमजोर बैंकों पर कर्ज और अन्य अंकुश लगाता है। इनमें इलाहाबाद बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, कॉरपोरेशन बैंक, आईडीबीआई बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, देना बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र शामिल हैं।

 

तीन बिंदुओं पर न‍िगरानी सूची
 

तीन बिंदुओं पर न‍िगरानी सूची

हांलाकि बता दें कि पिछले सप्ताह आरबीआई ने अपनी केंद्रीय बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया कि पीसीए के तहत बैंकों के मुद्दे की जांच केंद्रीय बैंक का वित्तीय निगरानी बोर्ड (बीएफएस) करेगा। पीसीए के तहत बैंकों को तब रखा जाता है जब कि तीन प्रमुख नियामकीय बिंदुओं का उल्लंघन करते हैं। ये बिंदु हैं- जोखिम परिसंपत्तियों के एवज में रखी जानी वाली पूंजी, गैर-निष्पादित संपत्तियों एनपीए और परिसंपत्ति पर रिटर्न आरओए।

 

आरबीआई अतीत में भी पीसीए रुपरेखा की वकालत कर चुका

आरबीआई अतीत में भी पीसीए रुपरेखा की वकालत कर चुका

वैश्विक स्तर पर बैंकों को पीसीए के तहत केवल एक ही पैमाने पूंजी पर्याप्तता अनुपात के आधार पर रखा जाता है। सरकार और एस गुरुमूर्ति जैसे आरबीआई के कुछ स्वतंत्र निदेशक घरेलू बैंकिंग के लिये यही पैमाना अपनाने के पक्ष में हैं। हालांकि, आरबीआई अतीत में भी पीसीए रूपरेखा की मजूबती से वकालत कर चुका है।

सूत्रों ने कहा कि दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के क्रियान्वयन समेत सरकार की ओर से उठाए गए विभिन्न कदमों से फंसे कर्ज पर लगाम लगाने में मदद मिली है और वसूली में सुधार आया है।

 

बैंकों के प्रदर्शन और वसूली में सुधार

बैंकों के प्रदर्शन और वसूली में सुधार

आरबीआई के चलते बैंकों के प्रदर्शन और वसूली में सुधार को देखते हुए उम्‍मीद हैं कि आरबीआई के बीएफएस की समीक्षा में 3 से 4 बैंक मार्च, 2019 के अंत तक त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई की रूपरेखा से बाहर आ जाएंगे। बैंकों ने पहली तिमाही के दौरान 36,551 करोड़ रुपये की वसूली की ,जो कि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही से 49 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि इस अवधि में बैंकों का परिचालन लाभ 11.5 प्रतिशत बढ़ा है जबकि तिमाही आधार पर घाटा 73.5 प्रतिशत कम हुआ है।

 

English summary

Government Expects 3,4 Banks Will Get Out Of RBIs PCA

Reserve Bank of India has kept 11 of the 21 public sector banks under the purview of PCA,These weak banks seem to have debt and other curb।
Story first published: Monday, November 26, 2018, 9:58 [IST]
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