आधार वेरिफिकेशन पर रोक से योनो सेवा प्रभावित, एसबीआई ने मांगा क्लैरीफिकेशन
सुप्रीम कोर्ट के आधार लिंकिंग को लेकर आए फैसले के बाद एसबीआई ने अपने योनो प्लेटफॉर्म के जरिये दी जाने वाली सभी डिजिटल बैंकिंग सर्विसेज को रोक दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के आधार लिंकिंग को लेकर आए फैसले के बाद एसबीआई ने अपने योनो प्लेटफॉर्म के जरिये दी जाने वाली सभी डिजिटल बैंकिंग सर्विसेज को रोक दिया है। ऐसे में बैंक ने आरबीआई से ई-केवाईसी के लिए आधार के बजाय अन्य वैकल्पिक सॉल्युशन को लेकर स्पष्टाता की मांग की है।
याद दिला दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 26 सितंबर को फैसला दिया था कि अब बैंक अकाउंट खोलने या बैंकिंग सर्विसेज का लाभ लेने के लिए आधार को अकाउंट से लिंक करना अनिवार्य नहीं है। उसके बाद से एसबीआई ने योनो के जरिए बैंक अकाउंट खोलने की डिजिटल और पेपरलेस सुविधा को अस्थायी तौर पर बंद कर दिया है। यानी अब कस्टमर्स केवल बैंक जाकर ही अकाउंट खुलवा सकेंगे।
क्लैरीफिकेशन मिलने के बाद सर्विस होगी शुरू
हांलाकि बैंक के एक अधिकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद चूंकि ई केवाईसी की अनुमति नहीं है, इसलिए आरबीआई से स्पष्टता चाहते हैं। वहीं बैंक का कहना हैं कि इस बारे में आरबीआई से चर्चा की है। अब आरबीआई की ओर से क्लैरीफिकेशन आने के बाद ही ई केवाईसी के जरिए डिजिटली अकाउंट ओपनिंग की सुविधा शुरू कर सकेंगे।
योनो के जरिये 25 लाख से अधिक उपभोक्ता एसबीआई से जुड़े
एसबीआई ने योनो को नवंबर 2017 में लॉन्च किया था। यह प्लेटफॉर्म सभी फाइनेंशियल सर्विसेज, लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स और बैंक की अकांउट ओपनिंग जैसी सर्विसेज को डिजिटली एक ही जगह उपलब्ध कराता है। यानी कस्टमर को बैंक जाने की जरूरत नहीं होती। योनो की अन्य सर्विसेज में फंड ट्रांसफर, प्रीअप्रूव्ड पर्सनल लोन और एफडी पर ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी आदि शामिल हैं।
इतना ही नहीं उसके बाद से योनो के जरिये 25 लाख से अधिक उपभोक्ता एसबीआई से जुड़ चुके हैं। बैंक ने अगले दो साल में योनो के जरिये उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ाकर 25 करोड़ करने का लक्ष्य तय किया है।