नोटबंदी नहीं होती तो चौपट हो जाती अर्थव्यवस्था: गुरुमूर्ति
यहां पर आपको नोटबंदी पर आरबीआई के बोर्ड मेंबर गुरुमूर्ति के दिए गए बयान के बारे में बताएंगे।
अगर 2016 में नोटबंदी नहीं की गई होती, तो अर्थव्यवस्था ढह जाती, ऐसा कहना है भारतीय रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल के सदस्य एस गुरुमूर्ति का। उन्होंने ने कहा कि 500 और 1,000 रुपए के नोटों जैस बड़े मूल्य के नोटों का उपयोग रियल एस्टेट और सोने की खरीद में किया जाता था।
जरुरी था नोटबंदी
गुरुमूर्ति ने विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन में व्याख्यान में कहा है कि नोटबंदी से 18 महीने पहले 500 और 1,000 रुपए के नोट 4.8 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गए। आपको बता दें कि रियल एस्टेट और सोने की खरीद में इन नोटों का इस्तेमाल किया जाता था। यदि नोटबंदी नहीं होती तो हमारा हाल भी 2008 के सब प्राइम ऋण संकट जैसा हो जाता।
सुधारात्मक उपाय था नोटबंदी
इस पर गुरुमूर्ति ने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ होता तो भारतीय अर्थव्यवस्था ढ़ह जाती, यह एक सुधारात्मक उपाय था। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच गतिरोध का होना कोई अच्छी स्थिति नहीं है। आपको बता दें कि हाल ही के दिनों में वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक के बीच कई मुद्दों पर गतिरोध उभरकर सामने आया है।
वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक के बीच कई मुद्दों पर गतिरोध के विषय
इनमें केंद्रीय बैंक की खुद की पूंजी से संबंधी नियम और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी क्षेत्र के लिए कर्ज की उपलब्धता के नियम उदार करने से संबंधित मुद्दे भी शामिल हैं। गुरुमूर्ति ने कहा कि भारत को बासेल पूंजी पर्याप्ता नियम के आगे बढ़कर सोचना चाहिए। उन्होंने सूक्ष्म लघु एवं मझोले उपक्रम क्षेत्र के लिए कर्ज सुविधा बढ़ाने की भी वकालत की।
आरबीआई और सरकार के बीच बढ़ा है तनाव
बता दें कि रिजर्व बैंक और सरकार के बीच हाल ही के समय में तनाव बढ़ा है। वित्त मंत्रालय ने पहले कभी इस्तेमाल नहीं की गई रिजर्व बैंक कानून की धारा सात के तहत विचार विमर्श शुरू किया है। इसके तहत सरकार को रिजर्व बैंक को निर्देश जारी करने का अधिकार है। रिजर्व बैंक के बोर्ड की बैठक 19 नवंबर को होनी है।