सरकार देगी महिला इंप्लॉइज के मातृत्व अवकाश के 7 हफ्तों का वेतन
केंद्र सरकार गर्भवती महिला कर्मचारियों को और सुविधा देने जा रही है। मैटरनिटी लीव के तहत महिला कर्मचारियों को तो सुविधा मिलती ही है जो कि वाकई महत्वपूर्ण भी है।
केंद्र सरकार गर्भवती महिला कर्मचारियों को और सुविधा देने जा रही है। मैटरनिटी लीव के तहत महिला कर्मचारियों को तो सुविधा मिलती ही है जो कि वाकई महत्वपूर्ण भी है। लेकिन आपको जानकर खुशी होगी कि अब उन कंपनियों और संस्थानों को भी सुविधा मिलेगी, जिसमें महिला काम करती है।
जी हां महिला कर्मचारियों को ध्यान में रखकर सरकार अब महिलाओं को मिलने वाले मातृत्व अवकाश के 7 हफ्ते का वेतन कंपनियों को लौटाएगी। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि 15 हजार रुपये से अधिक मासिक वेतन पाने वाली महिलाओं को मिलने वाले मातृत्व अवकाश के 7 हफ्ते का वेतन सरकार नियोक्ता कंपनी को वापस करेगी।
सरकार की तरफ से यह घोषणा उस वक्त की गई है जब ऐसी शिकायतें आ रही थीं कि मातृत्व अवकाश की मियाद 12 हफ्ते से बढ़ाकर 26 हफ्ते किए जाने के बाद से तमाम कंपनियां गर्भवती महिलाओं को नौकरी देने में इच्छुक नहीं दिख रही हैं।
सरकारी और निजी दोनों ही क्षेत्र में काम करने वाली महिलाएं दायरे में
ऐसी भी शिकायतें आ रही थी कि कुछ कंपनियां तो गर्भवती महिलाओं को नौकरी से भी निकाल रही हैं। सरकारी और निजी दोनों ही क्षेत्र में काम करने वाली महिलाएं सरकार की इस घोषणा के दायरे में आएंगी। महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि यह फैसला किया गया है कि श्रम कल्याण उपकर के पड़े धन का उपयोग नियोक्ताओं को देने में किया जाएगा।
सुविधा का लाभ 15 हजार से अधिक इनकम वाली महिलाओं के लिए
वहीं श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि राज्य सरकारों के पास पड़े श्रमिक कल्याण उपकर के पैसे का उपयोग बहुत कम हो रहा है। लेबर मिनिस्ट्री से बातचीत के बाद यह निर्णय लिया गया है। अब 26 हफ्तों में से 7 हफ्ते के वेतन की राशि नियोक्ताओं को दी जाएगी। वहीं इस बात की भी जानकारी दी कि 15 हजार रुपये मासिक से अधिक वेतन पाने वाली महिलाओं के अवकाश के लिए सरकार की ओर से भुगतान किया जाएगा।
इसी साल मैटरनिटी लीव 12 हफ्ते से 26 हफ्ते किया गया
आपको बता दें इसी साल सरकार ने मैटरनिटी लीव को 12 हफ्ते से बढ़ाकर 26 हफ्ते कर दिया था। श्रीवास्तव ने कहा इस बदलाव के बाद ऐसी तमाम शिकायतें आई कि मातृत्व अवकाश की मियाद बढ़ने की वजह से कई कंपनियों से महिलाओं को नौकरी से निकाला जा रहा है। पिछले दिनों यह भी रिपोर्ट आई थी कि मैटरनिटी लीव को 12 हफ्तों से बढ़ाकर 26 हफ्ते किए जाने पर कंपनियां महिलाओं को नौकरी देने से कतरा रही हैं।