अक्टूबर में खुदरा महंगाई घटकर एक साल के निचले स्तर 3.31 प्रतिशत पर
अक्टूबर महीने में महंगाई के मोर्चे पर थोड़ी राहत मिली है। जी हां फल, प्रोटीन वाले उत्पाद और खाने-पीने की वस्तुओं के दाम घटने से अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 3.31 प्रतिशत पर आ गई है।
अक्टूबर महीने में महंगाई के मोर्चे पर थोड़ी राहत मिली है। जी हां फल, प्रोटीन वाले उत्पाद और खाने-पीने की वस्तुओं के दाम घटने से अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 3.31 प्रतिशत पर आ गई है। यह इसका एक साल का निचला स्तर है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति सितंबर, 2018 में 3.7 प्रतिशत पर और अक्टूबर, 2017 में 3.58 प्रतिशत पर थी। यह खुदरा मुद्रास्फीति का सितंबर, 2017 के बाद का निचला स्तर है। उस समय यह 3.28 प्रतिशत थी।
अक्टूबर महीने के लिए सीपीआई का यह आंकड़ा अर्थशास्त्रियों के 3.67 फीसद के अनुमान से काफी कम हैं और यह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मध्यम अवधि के लक्ष्य के दायरे में है।
अक्टूबर महीने में कोर महंगाई दर 6.2 फीसद रही है जबकि इसके 5.8 फीसद रहने का अनुमान लगाया गया था। वहीं ईंधन और बिजली की महंगाई दर 8.55 फीसद रही जो कि सितंबर में 8.47 फीसद रही थी। हांलाकि मासिक आधार पर अक्टूबर में कपड़ों और जूतों की महंगाई दर 4.64 फीसद से घटकर 3.25 फीसद रही।
खाने पीने से जुड़ी चीजों की महंगाई दर में आई कमी
मासिक आधार पर अक्टूबर में घरेलू मंहगाई दर 7.07 फीसद से घटकर 6.55 फीसद पर आ गई, जबकि सब्जियों की मंहगाई दर -4.15 फीसद से घटकर -8.06 फीसद रही। वहीं दालों की मंहगाई दर -8.58 फीसद से घटकर -10.28 फीसद पर आ गई।
खुदरा महंगाई का इस साल का प्रदर्शन
जनवरी के मुकाबले इस साल लगभग हर महीने खुदरा महंगाई के आकड़ों ने सुधार दिखाया है। हांलाकि इसमें उतार चढ़ाव जारी रहा। इन आंकड़ों के हिसाब से इस साल अक्टूबर महीने में खुदरा महंगाई दर सबसे कम रही है।
सितंबर में ग्रोथ के मोर्चे पर मिली राहत
सितंबर महीने के दौरान ग्रोथ के मोर्चे पर बड़ी राहत देखने को मिली है। सितंबर में आईआईपी ग्रोथ अगस्त के मुकाबले 4.5 फीसद रही। अगस्त में यह 4.3 फीसद रही थी। मासिक आधार पर सितंबर में माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ -0.4 फीसद से बढ़कर 0.2 फीसद, मैन्युफैक्चरिंग की ग्रोथ 4.6 फीसद पर, इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर की ग्रोथ 7.6 फीसद से बढ़कर 8.2 फीसद और कैपिटल गुड्स की ग्रोथ 5 फीसद से बढ़कर 5.8 फीसद रही।
हालांकि सितंबर महीने में इंटरमीडिएट गुड्स की ग्रोथ में गिरावट देखने को मिली है और ये इस महीने 2.4 फीसद से घटकर 1.4 फीसद पर आ गई। लेकिन कंज्यूमर ड्यूरबेल्स की ग्रोथ 5.2 फीसद पर बरकरार रही है।