जीएसटी से 6 महीने सुस्त पड़ गयी थी देश की आर्थिक रफ्तार
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के माल एवं सेवाकर जीएसटी की आलोचना पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि यह एक महत्वपूर्ण सुधार हुआ है जिसे लंबे समय तक याद रखा जाएगा और इसका देश की
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के माल एवं सेवाकर जीएसटी की आलोचना पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि यह एक महत्वपूर्ण सुधार हुआ है जिसे लंबे समय तक याद रखा जाएगा और इसका देश की आर्थिक वृद्धि पर केवल दो तिमाही के लिए ही असर हुआ। रघुराम राजन ने कहा था कि नोटबंदी और जीएसटी इन दो कदमों से भारत की आर्थिक वृद्धि दर को झटका लगा है। हालांकि, अपनी बात कहते हुए जेटली ने राजन का नाम नहीं लिया।
जेटली यहां सार्वजनिक क्षेत्र के यूनियन बैंक की 100वीं सालगिरह के मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। उनका संबोधन वीडियो लिंक के जरिये प्रसारित किया गया। वहीं उन्होंने कहा कि आपको हमेशा ही ऐसे आलोचक और निंदा करने वाले मिल जायेंगे जो कहेंगे कि इससे जीएसटी भारत की आर्थिक वृद्धि धीमी पड़ गई।
वित्त मंत्री की माने तो दो तिमाहियों में प्रभावित होने के बाद आर्थिक वृद्धि की दर बढ़कर सात प्रतिशत हुई। उसके बात 7.7 प्रतिशत और आखिरी तिमाही में 8.2 प्रतिशत तक पहुंच गई। उन्होंने इसका विशेष तौर पर उल्लेख किया कि वृद्धि की यह दर 2012 से 2014 के बीच हासिल की गयी है। 5 से 6 प्रतिशत की वृद्धि से काफी उंची रही है।
जीएसटी अप्रप्यक्ष कर क्षेत्र का सबसे बड़ा सुधार
मौके पर इस बात की भी जानकारी दी गयी की आजादी के बाद अप्रत्पक्ष कर क्षेत्र का सबसे बड़ा सुधार हुआ है। जीएसटी देश में एक जुलाई 2017 को लागू किया गया है। इसका आर्थिक वृद्धि की रफ्तार पर असर डालने वाला प्रभाव केवल दो तिमाहियों के लिए रहा है।
बैंक अपनी एनपीए घटाएं
वहीं जेटली ने यह भी कहा कि बैंकिंग प्रणाली को मजबूत बनाने और वृद्धि को बढ़ावा देने के लिये बैंकों के फंसे कर्ज यानी एनपीए में कमी लाने की जरूरत है। बैंकिंग प्रणाली को मजबूत बनाने और भारत को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए हमें एनपीए को कम से कम करने की जरूरत है। इसके लिए कई तरह के विकल्पों को अपनाया गया है।