सरकार ने आरबीआई से नहीं मांगे 3.6 लाख करोड़ रुपये
वित्त मंत्रालय ने रिजर्व बैंक से चल रही तनातनी के बीच बड़ी सफाई दी है। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि सरकार रिजर्व बैंक से 3.6 लाख करोड़ रुपए की मांग नहीं की है।
वित्त मंत्रालय ने रिजर्व बैंक से चल रही तनातनी के बीच बड़ी सफाई दी है। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि सरकार रिजर्व बैंक से 3.6 लाख करोड़ रुपए की मांग नहीं की है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक के लिए सही आर्थिक ढांचा तय करने की बात चल रही है। गर्ग ने ट्विट कर ये जानकारी दी।
वहीं सुभाष चंद्र गर्ग ने ट्विट में लिखा है कि मीडिया में कई अफवाहें चल रही हैं। सरकार का राजकोषिय गणित पूरी तरह से ट्रैक पर है। रिजर्व बैंक से 3.6 लाख करोड़ या 1 लाख करोड़ रुपए ट्रांसफर करवाने का कोई प्रस्ताव नहीं है जैसी अफवाह फैली हुई है। उन्होने कहा कि सिर्फ एक ही प्रस्ताव है 'रिजर्व बैंक के लिए उचित आर्थिक ढांचा फिक्स करना।
मौके पर उन्होंने ये भी कहा कि सरकार अपने 3.3 फीसदी राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पर कायम है। उन्होंने लिखा कि सरकर का वित्तवर्ष 2013 में राजकोषीय घाटा 5.1 फीसदी था। वहीं 2015-15 से सरकार इसे नीचे लाने में सफल है। हम 2018-19 को 3.3 फीसदी घाटे के साथ खत्म करेंगे। रिजर्व बैंक के बोर्ड की 19 नवंबर को बैठक है। ऐसी अफवाहें है कि उर्जित पटेल इस बैठक में इस्तीफा दे सकते हैं।
हाल के दिनों में वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक तनातनी बहुत बढ़ गई है। पहले खबर आई थी कि अगर सरकार ने सेक्शन 7 का उपयोग किया तो रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल इस्तीफा दे सकते हैं। इसके बाद वित्त मंत्रालय ने एक बयान जारी कर रिजर्व बैंक की स्वायत्तता पर सफाई दी।