क्या सरकार के बयान के बाद नरम पड़े उर्जित पटेल
रिजर्व बैंक के गवर्नर और सरकार के बीच चल रहे तनाव के बीच सरकार ने बयान जारी किया है। इस बयान में रिजर्व बैंक की स्वायत्तता का सम्मान किए जाने कि बात कही गई है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर और सरकार के बीच चल रहे तनाव के बीच सरकार ने बयान जारी किया है। इस बयान में रिजर्व बैंक की स्वायत्तता का सम्मान किए जाने कि बात कही गई है। बयान के जरिए सरकार ने दोनों की बीच चल रही तकरार को कम किया है। सूत्रों के मुताबिक रिजर्व बैंक ने 19 नवंबर को बोर्ड की बैठक बुलाई है। इससे पहले खबर आई थी कि सरकार से विवाद के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल इस्तीफा दे सकते हैं।
रिजर्व बैंक की बोर्ड बैठक में रिजर्व बैंक और सरकार के बीच जिन मुद्दों पी तकरार है उस पर चर्चा होगी। बता दें कि ईटी नाउ के मुताबिक इस बैठक में लिक्विडिटी और बैंकों के लिए बेसल 3 नियमों पर चर्चा होगी। सरकार ने बयान जारी किया है पर इस बात का खंडन नहीं किया है कि उसने रिजर्व बैंक एक्ट 1934 के सेक्शन 7 का उपयोग नहीं किया है। ऐसी खबरें थी कि सरकार ने सेक्शन 7 का उपयोग करते हुए रिजर्व बैंक को पत्र भेजे थे।
सेक्शन 7 में कहा गया है कि 'सरकार रिजर्व बैंक के गवर्नर से बातचीत करने के बाद समय-समय पर जनता के हित में रिजर्व बैंक को आदेश दे सकती है। ऐसा होना रिजर्व बैंक की स्वायत्तता में खलल है। सरकार ने आज बयान जारी कर कहा हैं कि रिजर्व बैंक स्वायत्तता रिजर्व बैंक के एक्ट के तहत जरूरी है।
कई मुद्दों पर सरकार और रिजर्व बैंक में चर्चा होती है। सरकार ने रिजर्व बैंक की स्वायत्तता का हमेशा सम्मान किया है। वहीं सरकार और रिजर्व बैंक दोनों ही जनता के हित के लिए है। सरकार रिजर्व बैंक के बीच कई मुद्दों पर समय-समय पर चर्चा होती रहती है। वहीं बयान में कहा गया कि 'ऐसा ही दूसरे रेगुलेटर्स के साथ भी होता है। सरकार ने कभी इन मुद्दों को जनता के बीच जगजाहिर नहीं किया है। सिर्फ अंतिम फैसले को ही जनता को बताया जाता है। सरकार इस चर्चा के जरिए अपने मुद्दों पर अपना एसेसमेंट और सुझाव देती है। आगे भी सरकार ऐसा करती रहेगी।