नेस्ले की 100 करोड़ रुपये की मुनाफाखोरी पकड़ी गई
जीएसटी के तहत मुनाफाखोरी-रोधी जीडीएपी ने चाकलेट और नूडल्स जैसे उत्पाद बनाने वाली कंपनी नेस्ले इंडिया की 100 करोड़ रुपये की मुनाफाखोरी पकड़ी गयी है।
जीएसटी के तहत मुनाफाखोरी-रोधी जीडीएपी ने चाकलेट और नूडल्स जैसे उत्पाद बनाने वाली कंपनी नेस्ले इंडिया की 100 करोड़ रुपये की मुनाफाखोरी पकड़ी गयी है। बता दें कि कंपनी को जीएसटी दर में कमी का लाभ ग्राहकों को नहीं देने का दोष पाया गया है। हालांकि बता दें कि कंपनी ने पकड़े जाने के बाद उपभोक्ता कल्याण कोष में स्वेच्छा से 16.58 करोड़ रुपये जमा करा दिया है।
जीएसटी घटने के बाद भी उत्पादों के दाम नहीं घटाए
डीएसएपी ने राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण एनएए के पास जमा की गई जांच रिपोर्ट में कहा है कि नेस्ले इंडिया ने जीएसटी दर में कमी का फायदा ग्राहकों तक नहीं पहुंचाया है। कंपनी ने 100 करोड़ रुपए की मुनाफाखोरी की है। कपंनी ने जीएसटी घटने के बाद भी अपने उत्पादों के दाम नहीं घटाए।
उपभोक्ता कल्याण कोष में 16.58 करोड़ रुपए जमा
नेस्ले इंडिया के एक प्रवक्ता का कहना हैं कि कंपनी ने उपभेक्ताओं को दर में छूट का फायदा नहीं देने को लेकर स्वेच्छा से उपभोक्ता कल्याण कोष में 16.58 करोड़ रुपए जमा कराया है। उनका कहना हैं अधिकतम खुदरा मूल्य में अचानक कमी की स्थिति में ग्राहकों को कीमत कटौती का फायदा नहीं पहुंचने पर कंपनी ने 16.58 करोड़ रुपए अलग रखे थे और उसे अपने लाभ या बिक्री में नहीं दर्शाया है।
178 उत्पादों पर जीएसटी की दर कम
वहीं कंपनी का कहना हैं कि हमारे अनुरोध पर प्राधिकरण ने हमें हमारे द्वारा अलग रखी गयी राशि को स्वेच्छा से उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा कराने को कहा जो हमने कर दिया। नेस्ले इंडिया, चॉकलेट, नूडल्स और कॉफी जैसे उत्पाद बेचती है।
जीएसटी परिषद ने 178 उत्पादों पर जीएसटी की दर कम की है। जिसमें चॉकलेट, माल्ट, खाना बनाने में इस्तेमाल होने वाला आटा, वेफल और वेफर्स वाले चॉकलेट शामिल है। जीएसटी के तहत ही व्यवस्था की गई है कि जब दाम कटौती का फायदा ग्राहकों को नहीं पहुंचाया जा सके तो उस राशि को एक ग्राहक कल्याण कोष में जमा कराना होता है।