UIDAI: बैंकों और डाकघरों में आधार का नामांकन और अपडेशन जारी रहेगा
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने कहा है कि आधार के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने वाले उच्चतम न्यायालय के आदेश से बैंकों, डाकघरों में चल रहे आधार नामांकर और अन्य सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) ने कहा है कि आधार के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने वाले उच्चतम न्यायालय के आदेश से बैंकों, डाकघरों और सरकारी परिसरों में चल रहे आधार नामांकर और अन्य सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय भूषण पांडे के अनुसार शीर्ष न्यालय ने कहा है कि बैंक खाते खोलने के लिए आधार अनिवार्य नहीं है लेकिन बैंकों ओर डाकघरों में चल रहे आधार नामांकरन और उनमें ताजा जानकारी जोड़ने की अद्यतन गतिविधियां चलती रहेंगी क्योंकि यह सत्यापन सेवा से अलग है।
आधार व्यवस्था में बैंकों की भूमिका अहम
अजय भूषण पांडे के अनुसार बैंक खाते खोलने और अन्य सेवाओं के लिए आधार का ऑफलाइन मोड में उपयोग किया जा रहा है। प्रत्यक्ष लाभ हंस्तातंरण, पैन-आईटीआर में आधार के इस्तेमाल को वैद्यानिक ठहराया गया है। पूरी आधार व्यवस्था में बैंकों की भूमिका बहुत अहम है। इसलिए आधार नामांकरन और अद्यतन गतिविधियां पहले की ही तरह जारी रहेंगी।
आधार के लिए नामांकरन अन्य सेवाओं से है अलग
उन्होंने कहा कि आधार के लिए नामांकन और अद्यतन सेवाएं, सत्यापन सेवाओं से पूरी तरह से अलग है। पांडे ने कहा कि 60 से 70 करोड़ लोगों के पास पहचान के लिए केवल आधार कार्ड एकमात्र पहचान पत्र है। इसलिए इसका स्वैच्छिक ऑफलाइन उपयोग जारी रहेगा।
ऑफलाइन सुविधा का उपयोग
बैंकों और डाकघरों में 13,000-13,000 केंद्र स्थापित किए गए हैं। जरुरत पड़ने पर और केंद्र खोले जाएंगे। प्राधिकरण ने कहा कि सेवा प्रदाता कंपनियां ई-आधार या क्यूआर कोड जैसी ऑफलाइन तकनीकों से किसी व्यक्ति की पहचान की पुष्टि कर सकती है।
जागरुकता फैलाने का अभियान
प्राधिकरण ने कहा कि इसके लिए बायोमीट्रिक आंकड़ों या 12 अंक की आधार संख्या को जाहिर करने की जरुरत नहीं पड़ेगी। आधार जारी करने वाला संगठन अब इन पुष्टिकरण तकनीकों के लिए जागरुकता फैलाने का अभियान चलाने की योजना बना रहा है।