SBI: ग्राहकों के लिए बड़ी खबर, एक दिन में मात्र 20 हजार ही निकाल पायेंगे
देश के सबसे बड़ें बैंक यानी भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने एटीएम कैश निकासी की दैनिक सीमा में बड़ी कटौती करने का निर्णय लिया है। जी हां एसबीआई ग्राहक 31 अक्टूबर से एक दिन में अधिकतम 20
देश के सबसे बड़ें बैंक यानी भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने एटीएम कैश निकासी की दैनिक सीमा में बड़ी कटौती करने का निर्णय लिया है। जी हां एसबीआई ग्राहक 31 अक्टूबर से एक दिन में अधिकतम 20 हजार रुपये कैश ही एटीएम से निकाल सकेंगे। हांलाकि बता दें कि अभी यह सीमा 40 हजार रुपये है।
डिजिटल कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देना
एसबीआई ने ब्रांचों में भेजे आदेश में कहा हैं कि 'एटीएम ट्रांजैक्शन में धोखाधड़ी की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए और डिजिटल-कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कैश निकासी सीमा को घटाने का फैसला किया गया है। क्लासिक और माएस्त्रों प्लैटफॉर्म पर जारी डेबिट कार्ड से निकासी सीमा को घटाया गया है।
कैश निकासी सीमा में कटौती फेस्टिवल सीजन से ठीक पहले हुई है।सरकार द्वारा डिजिटल ट्रांजैक्शन पर जोर दिए जाने के बावजूद कैश की डिमांड अधिक बनी हुई है। कुछ अनुमानों के मुताबिक बाजार में कैश फ्लो नोटबंदी से पहले के स्तर तक पहुंच गया है।
एटीएम से अधिकतर छोटी राशि की निकासी
जबकि पिछले कुछ वर्षों में कई मामलों में पाया गया है कि कार्ड का क्लोन बनाने वाले धोखेबाज आम बैंक कस्टमर्स के डेबिट कार्ड का पिन चोरी से लगाए गए कैमरों और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज से पता कर लेते हैं।
नए नियम से ग्राहकों को होने वाली असुविधा के बारे में पूछने पर एसबीआई के मैनेजिंग डायरेक्टर पीके गुप्ता का कहना हैं कि आंतरिक विश्लेषण दिखाता है कि एटीएम से अधिकतर छोटी राशि की निकासी होती है। 20 हजार रुपये अधिकतर ग्राहकों के लिए काफी है। हम छोटी निकासी पर फ्रॉड में कमी को लेकर भी प्रयास कर रहे हैं।
कस्टमर ऊंचे वैरिएंट वाला कार्ड ले सकते
इस बात से भी अवगत कराया कि ज्यादा विदड्रॉल लिमिट चाहने वाले कस्टमर ऊंचे वैरिएंट वाला कार्ड ले सकते हैं। ऐसे कार्ड उन कस्टमर्स को जारी किए जाते हैं, जो अपने बैंक खाते में ज्यादा मिनिमम बैलेंस बनाए रखते हैं।
पेमेंट टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री के एक व्यक्ति ने कहा कि फ्रॉड की चपेट में डेबिट कार्ड यूजर्स ज्यादा आते हैं। उन्होंने कहा कि पिन जैसी इंफॉर्मेशन केवल एटीएम पर ही नहीं चुराई जाती। मर्चेंट आउटलेट्स पर प्वाइंट ऑफ सेल टर्मिनल्स पर भी ऐसा होता है। मोबाइल कार्ड स्वाइप डिवाइस यूज करने वाले कुछ लोग भी ऐसी हरकत करते हैं। कई डेबिट कार्ड्स में अब भी मैग्नेटिक स्ट्रिप टेक्नोलॉजी है, जिन पर फ्रॉड के खतरे का साया ज्यादा रहता है। केवल इंटरनेशनल डेबिट कार्ड्स में चिप बेस्ड टेक्नोलॉजी पर शिफ्टिंग हो रही है।
वहीं कुछ बड़ें बैंकों की क्रेडिट कार्ड ग्रोथ को छोटे शहर बढ़ावा दे रहे हैं। और तो टॉप 10 शहरों के बाहर के कार्डहोल्डर्स इस तरीके से होने वाले खर्च में 40-50 प्रतिशत योगदान कर रहे हैं।