पेट्रोल-डीजल उत्तर भारत के 6 राज्यों में हो सकता है सस्ता, समान वैट को मिली सहमति
तेल के दामों में लगने वाले वैट (VAT) की दरों में एकरुपता लाने के उद्देश्य से चंडीगढ़ में उत्तर भारत के पांच राज्यों के वित्तमंत्रियों और अफसरों ने बैठक की।
पेट्रोल-डीजल के लगातार बढ़ते हुए दाम को देखते हुए तेल के दामों में लगने वाले वैट (VAT) की दरों में एकरुपता लाने के उद्देश्य से चंडीगढ़ में उत्तर भारत के पांच राज्यों के वित्तमंत्रियों और अफसरों ने बैठक की। इस बैठक में हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोधिया के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के आबकारी एवं काराधान विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे।
आबकारी नीति, ट्रांसपोर्ट परमिट और गाडि़यों के पंजीकरण में लाएं एकरुपता
इस बैठक में इस बात पर भी सहमति बनी की इन राज्यों में आबकारी नीति, ट्रांसपोर्ट परमिट और गाडि़यों के पंजीकरण से जुड़े करों में भी एकरुपता लाई जाए। इस संबंध में अधिकारियों की एक कमेटी भी बनाई गई है जो अगले दो सप्ताह में अपनी रिर्पोट देगी। बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया कि, मई 2015 में इन प्रदेशों ने आम सहमति बनाकर वैट की दरें लगभग एक समान करके आम जनता को राहत दी थी, वैसी ही कोशिश फिर की जाएगी।
अगले दो सप्ताह में तैयार हो जाएगी रिर्पोट
साथ ही बैठक में यह भी तय किया गया कि इन राज्यों के अधिकारी अगले दो सप्ताह में इस बारे में एक रिर्पोट तैयार करेंगे। इस रिर्पोट के बाद सरकारें तेल पर लगने वाले वैट के बारे में निर्णय लेंगी, ताकि आम जनता को भी राहत दी जा सके। बैठक में यह भी चर्चा हुई की इन सभी राज्यों में तेल कीमतें समान रहने से वर्तमान की तरह भविष्य में भी उपभोक्ता को राहत मिलेगी। साथ ही एक से दूसरे राज्य में होने वाले ट्रेड डायवर्जन पर भी रोक लगी रहेगी।
गाड़ी चालक को होगी सुविधा
इसके अलावा पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने सुझाव दिया कि तेल, आबकारी की तरह ट्रांसपोर्ट परमिट और गाडि़यों के पंजीकरण में भी एकरुपता लानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह इस समय की मांग है कि इन करों की दरें भी अलग-अलग ना होकर लगभग एक जैसी हो, ताकि गाड़ी चालक एक दूसरे राज्य में पंजीकरण न करवाएं।
होंगे कई फायदे
तो वहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सलाह दी कि इन राज्यों में तेल की भांति आबकारी से जुड़े कर भी समान होने चाहिए और इसके मद्देनजर इन राज्यों की आबकारी नीतियों में समानता होना जरुरी है। बैठक के बाद मनीष सिसोदिया ने कहा कि सभी राज्य इस बात पर सहमत हो गए हैं कि आबकारी नीति में एकरुपता हो। इससे जनता को लाभ होगा, कालाबाजारी पर रोक लगेगी और सरकार के राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी।