मोदी सरकार का बड़ा फैसला, तीन बैंकों का होगा मर्जर
भारत सरकार ने देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा को मर्ज करने का फैसला किया है। सोमवार को फाइनेंसियल सर्विसेज सेक्रेटरी राजीव कुमार का कहना हैं कि देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा को म
भारत सरकार ने देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा को मर्ज करने का फैसला किया है। सोमवार को फाइनेंसियल सर्विसेज सेक्रेटरी राजीव कुमार का कहना हैं कि देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा को मर्ज करने का फैसला किया है। तीनों बैंकों के विलय से यह दे का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बन जायेगा। वहीं इस बात पर वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना हैं कि सरकार ने बजट में घोषणा की थी कि बैंकों का एकीकरण हमारे एजेंडे में भी था और पहला कदम घोषित किया गया है।
कुल 14.82 लाख करोड़ रुपये का कारोबार
वहीं तीनों बैंकों के मर्जर पर जेटली ने कहा कि कोई भी कर्मचारी ऐसी स्थिति का सामना नहीं करेगा जो प्रकृति में प्रतिकूल हो। सेवा की सबसे अच्छी स्थिति उन सभी पर लागू होगी। देश में तीन बैंकों का आपस में विलय का यह अपनी तरह का पहला मामला होगा।
इन तीनों बैंकों का कुल 14.82 लाख करोड़ रुपये का कारोबार है। इनके विलय से देश में भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक के बाद यह तीसरा बड़ा बैंक अस्तित्व में आएगा। इन तीनों बैंकों के विलय के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या घटकर 19 रह जायेगी।
बैंकिग क्षेत्र में सुधार की जरूरत है
वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने कहा कि तीनों बैंकों के निदेशक मंडल विलय प्रस्ताव पर विचार करेंगे। उन्होंने कहा कि बैंकिग क्षेत्र में सुधार की जरूरत है और सरकार बैंकों की पूंजी की जरूरतों का ध्यान रख रही है। उन्होंने कहा कि बैंकों के विदेशों में परिचालन को युक्तिसंगत बनाने का काम जारी है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ऐसे कदम उठाने को लेकर गंभीर है ताकि जहां तक एनपीए का सवाल है, इतिहास स्वयं को नहीं दोहराए।
दूसरी बार सरकारी बैंकों का विलय
एनपीए पर जेटली ने कहा, 'एनपीए की वास्तविक तस्वीर 2015 में ही सामने आई, यूपीए ने कार्पेट के नीचे एनपीए को छिपा दिया था।' जेटली ने कहा कि इस विलय से टिकाऊ बड़ा बैंक पैदा होगा, जो देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा। पिछले डेढ़ साल में दूसरी बार सरकारी बैंकों का विलय किया जा रहा है। पिछली बार सरकार ने पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का भारतीय स्टेट बैंक में एक अप्रैल, 2017 को विलय किया था। इसके बाद देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई दुनिया के शीर्ष 50 बैंकों में शामिल हो गया।