ट्रंप ने चीन के 200 अरब डॉलर के सामानों पर टैरिफ का किया ऐलान
चीन से आयात होने वाले करीब 200 अरब डॉलर के सामानों पर सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रेड वॉर को तेज करते हुए 10 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है।
चीन से आयात होने वाले करीब 200 अरब डॉलर के सामानों पर सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रेड वॉर को तेज करते हुए 10 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है। जिसके तहत आगे चलकर इन सामानों पर टैरिफ बढ़कर 25 प्रतिशत हो जाएगा। फिलहाल एप्पल, स्मार्ट वॉच और फिटबिट व बाइसकल हेल्मेट, बेबी कार सीट्स जैसे कंज्यूमर प्रोडक्ट्स को इस दायरे से बाहर रखा गया है। ट्रंप ने टैरिफ वॉर के पहले चरण में पहले ही चीन से आयात होने वाले 50 अरब डॉलर के सामानों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लागू कर चुके हैं।
ट्रंप ने दी है कठोर चेतावनी
बता दें कि चीन को लेकर ट्रंप के तेवर इतने सख्त हैं कि उन्होंने टैरिफ के नए दौर के ऐलान के साथ चीन को जवाबी कार्रवाई को लेकर कठोर चेतावनी भी दी है। ट्रंप ने अपने एक बयान में कहा है कि अगर चीन अमेरिका के किसानों या उद्योगों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करता है तो हम तत्काल तीसरे चरण की शुरुआत करेंगे, जिसके तहत करीब 267 अरब डॉलर के अतिरिक्त सामानों के आयात पर टैरिफ लगेगा।
एप्पल के प्रोडक्ट्स को टैरिफ प्लान में छूट
हालांकि, एप्पल के प्रोडक्ट्स को नए टैरिफ प्लान में छूट मिल गई है लेकिन अगर ट्रंप प्रशान 267 अरब डॉलर के अतिरिक्त सामानों पर टैरिफ लगाता है तो चीन से यूएस में आयात होने वाले आईफोन और उसके दूसरे प्रतिस्पर्धियों को शायद ही छूट मिल पाए।
व्यापार मतभेदों के दौरान आया ट्रंप का यह फैसला
आपको बता दें कि चीन के सामानों पर टैरिफ का यह फैसला तब लिया गया जब दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के व्यापार से जुड़े मतभेदों को खत्म करने की कोशिश नाकाम हो गई। अमेरिका के ट्रेजरी सेक्रटरी स्टीवन मुचिन ने पिछले सप्ताह चीन के शीर्ष अधिकारियों को नए दौर की बातचीत के लिए आमंत्रित किया था लेकिन अभी तक समय ही तय नहीं हो पाया है।
बदलावों को लेकर स्पष्ट हैं ट्रंप
ट्रंप ने अपने एक बयान में कहा कि हम जरुरी बदलावों को लेकर स्पष्ट हैं। हमें पता है कि किस तरह के बदलाव करने हैं और हमने चीन को सही से व्यवहार करने के लिए हर मौके दिए हैं लकिन अभी तक चीन अपने रवैये में बदलाव का इच्छुक नहीं दिखा है। तो वहीं दूसरी तरफ चीन ने बातचीत से विवाद के हल की बात की है।