स्वच्छता ही सेवा अभियान से मिलेगी रोजगार की कई संभावनाएं
शनिवार 15 सितंबर को स्वच्छता ही सेवा है जन अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा लांच किया गया है। जो कि दो अक्टूबर तक चलेगा। इस अभियान की खास बात है कि इससे कई प्रकार के रोजगार निकलने की संभावना
शनिवार 15 सितंबर को स्वच्छता ही सेवा है जन अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा लांच किया गया है। जो कि दो अक्टूबर तक चलेगा। इस अभियान की खास बात है कि इससे कई प्रकार के रोजगार निकलने की संभावनाएं हैं। पिछले चार साल से चल रहे स्वच्छता अभियान के कारण सैकड़ों की संख्या में लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ।
करोड़ लोगों को काम मिला
आंकड़ों के मुताबिक पिछले चार साल में 8.5 करोड़ टॉयलेट बनाये गये है। अगर एक टॉयलेट के निर्माण में 3-4 लोगों की जरूरत पड़ती है जो कि 2-3 दिनों तक चलता है। ऐसे में पिछले चार साल में कम से कम 30 करोड़ से अधिक कार्य दिवस का सृजन हुआ। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इतने बड़े पैमाने पर टॉयलेट निर्माण से 4 लाख गांव, 430 जिले, 2800 शहर एवं कस्बे खुले में शौच से पूर्णतः मुक्त हो गए हैं।
आर्थिक विकास में तेजी आयी
आर्थिक विकास की बात करें तो प्रधानमंत्री मोदी के इस स्वच्छता अभियान से पिछले चार सालों में बढ़ोतरी हुई है। अगर एक टॉयलेट के निर्माण में 5 बोरी सीमेंट लगते हैं तो 8.5 करोड़ टॉयलेट बनाने में लगभग 42 करोड़ बोरी सीमेंट लगे। मतलब सीमेंट की इतनी मांग निकली। ऐसे ही, निर्माण से जुड़े अन्य कच्चे माल की मांग में बढ़ोतरी हुई।
रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी
एक्सपर्ट की माने तो स्वच्छता अभियान से कई प्रकार के रोजगार के निकलने की संभावनाएं बन रही हैं। सबसे पहले तो कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में कई प्रकार के रोजगार निकलेंगे। सरकार कचरा प्रबंधन को लेकर ठोस नीति तैयार कर रही है। कचरे से बिजली का आसानी से उत्पादन किया जा सकता है।
अभी हमारे देश में कचरे से बिजली उत्पादन वाले प्लांट गिनती के हैं। चीन में इस प्रकार के प्लांट की संख्या सैकड़ों में है। स्वच्छता अभियान की वजह से कचरे के कलेक्शन, ट्रांसपोर्टेशन, सुरक्षित डिस्पोजल, कचरे के ट्रीटमेंट जैसे कई क्षेत्र में भारी संख्या में रोजगार निकलने की संभावनएं है।