डॉलर के मुकाबले रुपया 72.50 के पार, जानिए 7 कारण
आयातकों की ओर से अमेरिकी मुद्रा की मजबूत मांग की वजह से रुपया डॉलर के मुकाबले बड़ी गिरावट के साथ पहली बार 72.50 स्तर से भी नीचे चला गया है।
आयातकों की ओर से अमेरिकी मुद्रा की मजबूत मांग की वजह से रुपया डॉलर के मुकाबले बड़ी गिरावट के साथ पहली बार 72.50 स्तर से भी नीचे चला गया है। तो वहीं अमेरिका में रोजगार आंकड़ों में तेजी से अन्य प्रमुख विदेशी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर मजबूत हुआ है।
1. रुपए में गिरावट आई क्योंकि मूडी ने कहा था कि हाल ही में आयी गिरावट भारत Inc के लिए एक नकारात्मकता को दर्शाती है, विशेष रुप से उन कंपनियों के लिए जो रुपए में राजस्व उत्पन्न करती हैं लेकिन डॉलर के मुकाबले वो उनकी ऋणी हैं।
2. तो वहीं आज दोपहर 12 बजकर 45 मिनट पर सेंसेक्स बुरी तरह से गिरकर 380 अंको तक टूट गया। इसके अलावा निफ्टी भी 110 अंकों तक गिरा।
3. संपूर्ण रुप से डॉलर की मांग बहुत ज्यादा थी, जिसने भारतीय रुपये पर दबाव बनाए रखा। ऐसा लगता है कि रुपया अब 73 डॉलर पर पहुंच सकता है।
4. आईटी सेक्टर के शेयरों में तेजी आई, क्योंकि कमजोर रुपया इन कंपनियों को लाभ पहुंचाता है। इन्फोसिस इस क्षेत्र से करीब 2 फीसदी की बढ़त के साथ अग्रणी लाभकारी था।
5. बॉन्ड की पैदावार 2014 के आखिर में अपने उच्च स्तर पर पहुंच गई, 10 साल की उपज 8.12 फीसदी बढ़ी। इससे कुछ बैंकिंग शेयर गिरने लगे।
6. भारतीय रिजर्व बैंक और भी हस्तक्षेप कर सकता है, मुद्रा में गिरावट होनी चाहिए, क्योंकि पेट्रोल और डीजल की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं।
7. रुपये में गिरावट के चलते पेट्रोल और डीजल की भी कीमतें बढ़ी हैं। मुंबई में, पेट्रोल की कीमत प्रति लीटर 88.12 के नए रिकॉर्ड पर खुदरा बिक्री कर रहा था। तो वहीं अन्य सभी भारतीय शहरों में, पेट्रोल और डीजल रिकॉर्ड उच्च थे।