जीएसटी में कटौती का कोई कंपनी फायदा नहीं दे तो हेल्पलाइन पर शिकायत करें
नैशनल एंटि-प्रॉफिटीयरिंग अथॉरिटी (राष्ट्रीय मुनाफाखोरी विरोधी प्राधिकरण) ने एक हेल्पलाइन शुरू की है। जिससे उपभोक्ताओं को उन कंपनियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने में मदद करेगी जो जीएसटी में कमी का
नैशनल एंटि-प्रॉफिटीयरिंग अथॉरिटी (राष्ट्रीय मुनाफाखोरी विरोधी प्राधिकरण) ने एक हेल्पलाइन शुरू की है। जिससे उपभोक्ताओं को उन कंपनियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने में मदद करेगी जो जीएसटी में कमी का फायदा ग्राहकों को नहीं दे रही है। बता दें कि अगर कोई दुकानदार या कंपनी आपको जीएसटी का लाभ नहीं देता है तो अब आप सरकार की हेल्पलाइन पर उसकी शिकायत कर सकते हैं।
राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण ने ऐसी ही एक हेल्पलाइन शुरू की है। दरअसल जीएसटी काउंसिल लगातार प्रोडक्ट की दरों पर जीएसटी घटा रही है। वहीं दूसरी तरफ कंपनियां इसका फायदा ग्रहाकों को नहीं दे रही हैं। कई कंपनी जीएसटी में कटौती का फायदा खुद ही उठा रही हैं। वो प्रोडक्ट के दाम कम नहीं कर रही हैं।
जीएसटी की नई हेल्पलाइन शुरू की गई
इसी कारण से जीएसटी में कटौती का फायदा ग्राहकों तक नहीं पहुंच रहा है। इसी से निपटने के लिए जीएसटी की नई हेल्पलाइन शुरू की गई है। इस हेल्पलाइन पर ग्राहक जीएसटी के तहत मुनाफाखोरी कर रहे लोगों की शिकायत कर सकते हैं। इस हेल्पलाइन पर ग्राहकों के सवालों के सुबह 9.30 बजे से दोपहर 1 बजे तक और फिर 1.30 बजे से शाम 6 बजे तक कॉलिंग की सुविधा रहेगी।
हेल्पलाइन का नंबर 011-21400643
बता दें कि जीएसटी की इस हेल्पलाइन का नंबर 011-21400643 है। इसकी जानकारी राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण ने अपनी वेबसाइट पर डाली है। वहीं अगर आपको लगता है कि जीएसटी में कटौती का पूरा फायदा आपको नहीं दिया गया है तो आप इस नंबर पर शिकायत कर सकते हैं। हालांकि भारत में जीएसटी लागू हुए 1 साल हो गया है। इसके बाद जीएसटी काउंसिल कई बैठकों में प्रोडक्ट की दरों में लगातार कटौती कर रही है।
1 साल में काउंसिल ने 191 प्रोडक्ट्स पर टैक्स
अगर कोई कंपनी अपने ग्राहकों को जीएसटी में कटौती का फायदा नहीं दे रही है तो उस पर पेनल्टी लगाने का प्रावधान है। जीएसटी काउंसिल ने 22 जुलाई को बैठक में 28 फीसदी के स्लैब में से कई प्रोडक्ट्स को हटाया।
जबकि 1 जुलाई 2017 को 28 फीसदी के स्लैब में 226 प्रोडक्ट थे अब इनकी संख्या घटाकर सिर्फ 35 कर दी गई है। हालांकि 1 साल में काउंसिल ने 191 प्रोडक्ट्स पर टैक्स घाटाया है।