देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने की उम्मीद
रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च को इस वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर कम करने का अनुमान है उसने देश की आर्थिक वृद्धि GDP दर के अपने पहले के अनुमान को संशोधित किया है।
हाल ही में देश की जीडीपी ग्रोथ में कमी की आशंका व्यक्त की गई है। रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च को इस वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर कम करने का अनुमान है उसने देश की आर्थिक वृद्धि GDP दर के अपने पहले के अनुमान को संशोधित किया है।
रेटिंग एजेंसी के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रह सकती है। इससे पहले इंटरनेशनल रेटिंग एजेंसी ने आर्थिक वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था।
रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स ने इसकी प्रमुख वजह साल 2018-19 में कच्चे तेल के दाम बढ़ने की वजह से महंगाई दर बढ़ने को बताई है।
केंद्र सरकार द्वारा सभी खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को बढ़ाकर फसल लागत का डेढ गुना किए जाने किए जाने का भी असर महंगाई दर पड़़ने की आशंका है। एजेंसी ने कहा कि इन वजहों से उसका अनुमान है कि देश की आर्थिक वृद्धि दर इस वित्त वर्ष में 7.2 प्रतिशत ही रहेगी। एजेंसी ने यह भी कहा है कि 2018-19 में निजी खर्च 7.6 प्रतिशत बढ़ेगा जो साल 2017-18 में 6.6 प्रतिशत बढ़ा था।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि केवल सरकार द्वारा जन सुविधाओं पर किए जाने वाला खर्च अकेले चूंजी व्यय चक्र को बढ़ाने के लिए काफी नहीं है।