अटल बिहारी वाजपेयी के 5 कदमों से मजबूत हुई अर्थव्यवस्था
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार शाम एम्स में निधन हो गया। उनके निधन की खबर से देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है।अटल बिहारी वाजपेयी भले ही दुनिया से विदा हो गये हैं, लेकिन भारतीय
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार शाम एम्स में निधन हो गया। उनके निधन की खबर से देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है। अटल बिहारी वाजपेयी भले ही दुनिया से विदा हो गये हैं, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए किये गए उनके प्रयास ने भारत की वाकई तकदीर बदल दी।
जी हां वाजपेयी जी ना सिर्फ तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने बल्कि वे लोकप्रिय राजनेता के साथ कुशल प्रशासक भी थे। इतना ही नहीं आर्थिक मोर्चे पर उन्होंने कई ऐसे कदम उठाए, जिनसे देश की दशा और दिशा बदल गई। अटल बिहारी वाजपेयी ने साल 1991 में प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव सरकार के दौरान शुरु किए गए आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाया।
वहीं साल 2004 में जब वाजपेयी ने मनमोहन सिंह को सत्ता सौंपी तक अर्थव्यवस्था की तस्वीर बेहद खूबसूरत थी। जीडीपी वृद्धि दर 8 फीसदी से अधिक थी और महंगाई दर 4 फीसदी से कम थी। इस अवधि में विदेशी मुद्रा भंडार लबालब था। वहीं इस बात से भी अवगत कराना चाहेंगे कि उनके 5 बड़े आर्थिक कदम जो कि बहुत ही महत्वपूर्ण है।
1. स्वर्णिम चतुर्भुज और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
अटल बिहारी वाजपेयी की सबसे बड़ी उपलब्धियों में उनकी महत्वाकांक्षी सड़क परियोजना स्वर्णिम चतुर्भुज और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना शामिल हैं। स्वर्णिम चतुर्भुज योजना ने चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली और मुंबई को हाईवे नेटवर्क से जोड़ दिया। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के जरिए गांवों को शहरों से पक्की सड़क से जोड़ दिया गया। इतना ही नहीं ये योजनाएं काफी सफल रहीं। इनसे देश के आर्थिक विकास में काफी मदद मिली।
2. बिजनेस और इंडस्ट्री में भारत सरकार की भूमिका
निजीकरण को मिली ताकत अटल विहारी वाजपेयी ने बिजनेस और इंडस्ट्री में भारत सरकार की भूमिका कम करने के प्रयास किये। इसके लिए उन्होंने अलग से विनिवेश मंत्रालय बनाया। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण फैसला भारत एल्युमीनियम कंपनी (बाल्को) और हिंदुस्तान जिंक, इंडिया पेट्रोकेमिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड और विदेश संचार निगम में विनिवेश का था। वाजपेयी सरकार की इन पहल से भविष्य में केंद्र सरकार की इन कंपनियों में भूमिका तय हो गई।
3. राजकोषीय स्थिति बेहतर किया
बता दें कि वाजपेयी सरकार ने राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए राजकोषीय जवाबदेही कानून बनाया। इससे सार्वजनिक क्षेत्र की बचत बढ़ाने और राजकोषीय घाटा कम करने में मदद मिली। जबकि वित्त वर्ष 2000 में सार्वजनिक बचत जीडीपी के -0.8 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 2005 में 2.3 फीसदी तक पहुंच गई।
4. टेलीकॉम क्रांति
वाजपेयी सरकार अपनी नई टेलीकॉम पॉलिसी के तहत टेलीकॉम कंपनियों के लिए एक तय लाइसेंस फीस की सुविधा हटाकर रेवन्यू शेयरिंग की व्यवस्था लाई थी।
5. सर्व शिक्षा अभियान
सर्व शिक्षा अभियान को साल 2001 में लॉन्च किया गया था। इस योजना के तहत 6 से 14 साल के बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जानी थी। इस योजना के लॉन्च के 4 सालों के अंदर ही स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या में 60 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली थी।