जुलाई में थोक महंगाई दर (WPI) घटकर 5.09 प्रतिशत
जुलाई में थोक महंगाई दर (WPI) घटकर 5.09 प्रतिशत पर आ गई है।
जुलाई में थोक महंगाई दर (WPI) घटकर 5.09 प्रतिशत पर आ गई है। इसकी मुख्य वजह है खाने-पीने की चीजों की कीमतों में गिरावट, फलों और सब्जियों की कीमत कम रहना है। थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर जून में 5.77 प्रतिशत पर थी। जबकि पिछले साल जुलाई में नौ महीने के निचले स्तर पर 4.17 प्रतिशत पर दर्ज की गई। जून में यह 4.9 प्रतिशत पर थी।
वाणिज्य एवं उद्योग मत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, खाद्य क्षेत्र में थोक महंगाई दर जुलाई में शून्य से 2.16 प्रतिशत नीचे रही, जबकि जून में इसमें 1.80 प्रतिश्रत की वृद्धि दर्ज की गई थी। इसी तरह, सब्जियों में थोक महंगाई जुलाई में 14.07 प्रतिशत घटी, जबकि जून में इसमें 8.12 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई थी। फलों के थोक भाव जुलाई में 8.81 प्रतिशत घटे हैं जबकि जून में यह 3.87 प्रतिशत बढ़े थे।
तो वहीं आंकड़ों के अनुसार, दालों की थोक महंगाई दर शून्य से 17.03 प्रतिशत नीचे रही। हालांकि जून में यह शून्य से 20.23 प्रतिशत नीचे था। तो वहीं आलू की महंगाई दर घटकर 74.28 पर आ गई, जबकि प्याज की थोक कीमतें बढ़कर 38.42 पर पहुंच गई।
इसके अलावा जुलाई में मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की थोक महंगाई बढ़कर 4.26 प्रतिशत पर पहुंच गई, जोकि जून में 4.17 प्रतिशत थी। थोक महंगाई दर में मैन्यूफक्चर्ड प्रोडक्ट्स की हिस्सेदारी 64.23 प्रतिशत है। इसी तरह इंधन और पावर की थोक महंगाई में भी इजाफा हुआ है।