ओरजिनल DL या RC अब जरुरी नहीं, केंद्र सरकार का आदेश
DL और वाहन पंजीकरण सर्टिफिकेट को भौतिक रुपए से साथ रखने की अनिवार्यता को खत्म करते हुए सरकार ने गुरुवार को राज्यों को सलाह जारी की है।
ड्राइविंग लाइसेंस या आरसी के लिए केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान आया है। DL और वाहन पंजीकरण सर्टिफिकेट को भौतिक रुपए से साथ रखने की अनिवार्यता को खत्म करते हुए सरकार ने गुरुवार को राज्यों को सलाह जारी की है कि वे इस प्रकार के सभी दस्तावेजों को डिजीलॉकर या एमपरिवहन प्लेटफॉर्म के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में प्रस्तुत किए जाने पर स्वीकार करें।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने राज्यों को कहा है कि अधिकारिक प्लेटफार्मों के माध्यम से प्रस्तुत इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में लाइसेंस, पंजीकरण प्रमाण पत्र या अन्य दस्तावेज ड्राइविंग परिवहन प्राधिकरणों द्वारा जारी प्रमाणपत्रों के बराबर माना जाएगा।
मंत्रालय को मिली हैं शिकायतें
साथ ही यह भी कहा गया है कि मंत्रालय को कई शिकायतें/RTI आवेदन मिले हैं जहां नागरिकों ने शिकायत की है कि डिजिलॉकर या एमपरिवहन एप में उपलब्ध दस्तावेजों को ट्रैफिक पुलिस या मोटर वाहन विभाग द्वारा वैद्य दस्तावेजों के रुप में स्वीकार नहीं किया जा रहा है।
आदेश का करना होगा पालन
सरकार द्वारा जारी आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि दोनों प्लेटफॉर्म में नागरिकों को दस्तावेजों को इलेक्ट्रॉनिक रुप में रखने की सुविधा है। इसमें कहा गया है कि नए वाहनों के बीमा और पुराने वाहनों के बीमा रीन्यू की जानकारी भी बीमा सूचना बोर्ड द्वारा दैनिक आधार पर अपलोड की जा रही है और यह मंत्रालय के एम परिवहन और ईचालान एप में भी दिखता है।
अपराध के मामले में भौतिक रुप से दस्तावेज जब्त करने की जरुरत नहीं
एमपरिवहन या ईचालान एप पर वाहन के पंजीकरण विवरण के साथ अगर बीमा का विवरण भी उपलब्ध मिलता है तो बीमा सर्टिफिकेट के भीतर प्रति की आवश्यकता नहीं है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि किसी अपराध के मामले में ऐसे दस्तावेजों को भौतिक रुप से जब्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि कानून प्रवर्तन एजेंसिया ईचालान प्रणाली के द्वारा इलेक्ट्रॉनिक रुप से जब्त कर सकते हैं, जो कि इलेक्ट्रॉनिक डाटाबेस में दिखेगा।
निगरानी होगी सुनिश्चित
इन सबके अलावा यह भी कहा गया है कि सर्टिफिकेट्स के आईटी आधारित ऑनलाइन वेरिफिकेशन से कानून प्रवर्तन प्राधिकरण को विवरणों की सत्यता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी, जिससे बेहतर अनुपालन और प्रभावी निगरानी सुनिश्चित होगी।