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PF कॉन्‍ट्रिब्‍यूशन घटाकर टेकहोम सैलरी में राहत देगी सरकार

सरकार सोशल स‍िक्‍यॉर‍िटी कॉन्‍ट्र‍िब्‍यूशन यानी प्रव‍िडेंट फंड जैसे मद में सैलरी से योगदान को घटाने की तैयारी कर रही है। इससे लोगों के हाथ में खर्च करने के लिए अधिक रकम आएगी। इसके लिए लेबर म‍िनिस्‍ट्र

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सरकार सोशल स‍िक्‍यॉर‍िटी कॉन्‍ट्र‍िब्‍यूशन यानी प्रव‍िडेंट फंड जैसे मद में सैलरी से योगदान को घटाने की तैयारी कर रही है। इससे लोगों के हाथ में खर्च करने के लिए अधिक रकम आएगी। इसके लिए लेबर म‍िनिस्‍ट्री की एक सम‍िति कॉन्‍ट्रिब्‍यूशन ल‍िमिट की समीक्षा कर रही है। हम आपको बता दें कि एक अधिकारी ने बताया कि सम‍िति इस महीने के अंत तक स‍िफार‍िशें तैयार कर लेगी। वहीं सोशल स‍िक्‍यॉर‍िटी के लिए कम कॉन्‍ट्र‍िब्‍यूशन की सिफार‍िश कर सकती है।

  • एंप्लॉयीज कॉन्ट्रिब्यूशन में कम से कम 2 पर्सेंट की कमी की जा सकती है।
  • वहीं बदलावों को अंतिम रूप देकर उन्हें सोशल सिक्यॉरिटी कोड का हिस्सा बनाया जा सकता है।
  • लेबर मिनिस्ट्री की एक समिति कॉन्ट्रिब्यूशन लिमिट की समीक्षा कर माह के अंत तक तैयार कर लेगी अपनी सिफारिशें।
  • सोशल सिक्यॉरिटी कॉन्ट्रिब्यूशन फिलहाल एंप्लॉयीज की बेसिक सैलरी का 24 प्रत‍िशत है।
कंपनियों के कॉन्ट्रिब्यूशन में भी कटौती

कंपनियों के कॉन्ट्रिब्यूशन में भी कटौती

इतना ही नहीं शुरुआत की बात करें तो, एंप्लॉयी कॉन्ट्रिब्यूशन में कम से कम 2 प्रति‍शत की कमी की जा सकती है। इस पहल के तहत कंपनियों के कॉन्ट्रिब्यूशन में भी कटौती की जाएगी। वहीं समिति की सिफारिशें आने के बाद लेबर मिनिस्ट्री इस पर सभी पक्षों से चर्चा करेगी। उसके बाद बदलावों को अंतिम रूप देकर उन्हें सोशल सिक्यॉरिटी कोड का हिस्सा बनाया जा सकता है।

प्रविडेंट फंड अकाउंट में जाता

प्रविडेंट फंड अकाउंट में जाता

वहीं सोशल सिक्यॉरिटी कॉन्ट्रिब्यूशन एंप्लॉयीज की बेसिक सैलरी का 24 प्रतिशत है। इसमें एंप्लॉयी का 12 प्रतिशत हिस्सा शामिल है, जो प्रविडेंट फंड अकाउंट में जाता है। कंपनी भी इसमें 12 प्रत‍िशत का योगदान देती है। यह पैसा पेंशन अकाउंट, प्रविडेंट फंड अकाउंट और डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम में बंटा होता है।

हिस्सा घटकर 10 प्रत‍िशत रहा
 

हिस्सा घटकर 10 प्रत‍िशत रहा

हम आपको बता दें क‍ि बदलाव के बाद एंप्लॉयी और कंपनी दोनों में से प्रत्येक का हिस्सा घटकर 10 प्रत‍िशत रह सकता है। इससे वर्कर्स को हाथ में अधिक सैलरी मिलेगी। जिन यूनिट में 20 से कम लोग काम करते हैं, उनके लिए पहले ही 10 प्रत‍िशत कॉन्ट्रिब्यूशन का रूल लागू है। जल्‍द अब इसे सभी कंपनियों और संस्थानों पर लागू किया जा सकता हैं।

10 करोड़ से बढ़कर 50 करोड़ हो जाएगी

10 करोड़ से बढ़कर 50 करोड़ हो जाएगी

अधिकार‍ियों की मानें तो सोशल सिक्यॉरिटी कवरेज का दायरा पांच गुना बढ़ा रहे हैं। उनका कहना हैं कि आगे चलकर कंपनी और एंप्लॉयी के कॉन्ट्रिब्यूशन में कमी सबके हित में है। सरकार को उम्मीद है कि सोशल सिक्यॉरिटी के दायरे में आने वाले वर्कर्स की संख्या अभी के 10 करोड़ से बढ़कर 50 करोड़ हो जाएगी। ज्यादातर मामलों में सैलरी में एंप्लॉयर का हिस्सा भी शामिल होता है।

टेकहोम सैलरी और बढ़ेगी

टेकहोम सैलरी और बढ़ेगी

हालांकि ऐसे में कंपनी के कॉन्ट्रिब्यूशन में कमी से यह पैसा वर्कर को किसी दूसरे मद में मिल सकता है। इससे उसकी टेकहोम सैलरी और बढ़ेगी। वहीं इस रकम का इस्तेमाल वह खर्च करने या बचत के लिए कर सकता है। वर्कर्स यूनियन कॉन्ट्रिब्यूशन में कमी के हक में नहीं हैं। इससे वर्कर्स के सोशल सिक्यॉरिटी कवर में कमी आयेंगी।

 

 

English summary

Government Planning To Lower The PF Contribution

Employee Contribution can be reduced by at least 2% ।
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