PSU बैंक के ATM पर लगे फ्रॉड की शिकायतें, सॉफ्टवेयर आउटडेटेड होने की वजह
सरकारी बैंकों के अब एटीएम में फ्रॉड की संभावना अधिक है। अगर हम देखे तो लगभग 25 फीसदी एटीएम ऐसे है, जिनमें आसानी से फॉड हो सकता है।
सरकारी बैंकों के अब एटीएम में फ्रॉड की संभावना अधिक है। अगर हम देखे तो लगभग 25 फीसदी एटीएम ऐसे है, जिनमें आसानी से फॉड हो सकता है। हम आपको इस बात से रूबरू करा दे कि संसद में पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि लगभग 74 फीसदी कैश डिस्पेंसर्स में लगे साफ्टवेयर आउटडेट हो चुके है। वहीं दिलचस्प बात यह है कि देश भर में लगे कुल एटीएम में 89 फीसदी सरकारी बैंको के हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि लोगों को एटीएम से पैसा निकालते वक्त सतर्कता बरतनी चाहिए। हम आपको बता दें कि शुक्रवार को संसद में दिए गए अपने जवाब में सरकार ने कहा कि सरकारी बैंकों के एटीएम में जो सॉफ्टवेयर चल रहे हैं, वे या तो आउटडेटेड हैं या अनसपोर्टेड। इन एटीएम में बेसिक सिक्योरिटी फीचर न होने के कारण फ्रॉड की पूरी आशंका रहती है। सरकार के मुताबिक जुलाई 2017 से लेकर जून 2018 के दौरान बैंकिंग लोकपाल के पास डेबिट और क्रेडिट कार्ड से संबंधित 25 हजार शिकायतें पहुंची।
वहीं इस बात की भी सूचना मिली है कि पिछले कुछ महीनों से एटीएम में बढ़ते फ्रॉड को देखते हुए रिजर्व बैंक ने एक एडवाइजरी जारी की थी। जिसके तहत ये कहा गया था कि सभी बैंक अपने एटीएम पर अपडेटेड सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें। इस पर सरकारी बैंकों में अभी काम शुरू नही हुआ है। आपको बता दें कि सरकार के मुताबिक, देश भर में लगे एटीएम में सबसे अधिक हिस्सेदारी सरकारी बैंकों की है। कुल एटीएम के मुकाबले 89 फीसदी सरकारी बैंकों द्वारा संचालित हैं। वहीं पिछले कुछ सालों से लगातार प्राइवेट बैंकों की हिस्सेदारी बढ़ रही है, बावजूद इसके अभी भी देश के बिजनेस में सरकारी बैंकों की हिस्सेदारी 70 फीसदी से अधिक है