बैंक डिफॉल्टर का बचना हुआ मुश्किल
बैंकों से कर्ज लेकर फरार होने वाले अब सावधान हो जाए। हम आपकों बता दें कि बैंकों को कर्ज न चुकाने वाले प्रवर्तकों को देश से बाहर जाने से रोकने के लिए सरकार ने वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार की अगुवाई
बैंकों से कर्ज लेकर फरार होने वाले अब सावधान हो जाए। हम आपकों बता दें कि बैंकों को कर्ज न चुकाने वाले प्रवर्तकों को देश से बाहर जाने से रोकने के लिए सरकार ने वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार की अगुवाई में एक उच्चस्तरीय समिति बनाई है। यह समिति डिफॉल्टरों को देश से भागने से रोकने के उपाय सुझाएगी और तो और साथ ही मौजूदा कानूनों में बदलाव पर भी सुझाव देगी। वहीं हम आपको बता दे कि यह कमेटी ऐसे कारोबारियों पर खासतौर से नजर रखेगी जिनके पास दूसरे देश की नागरिकता भी है। सरकार के उठाए गए इस नए कदम से काफी हद तक सुधार की उम्मीद है। इस बात को भी ध्यान में रखा गया है कि सरकार की इस कोशिश से नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या जैसे प्रकरणों को रोका जा सकेगा।
सूत्रों से यह पता चला है कि समिति की पहली बैठक में दोहरी नागरिकता तथा प्रणाली को ठोस और तर्कसंगत बनाने पर विचार हुआ, जिससे आर्थिक अपराधों में शामिल लोग देश से भाग नहीं पाएं। इस समिति के अन्य सदस्यों में प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय जांच ब्यूरो, खुफिया ब्यूरो और भारतीय रिजर्व बैंक के प्रतिनिधि शामिल हैं। इसके अलावा गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के अधिकारी भी समिति के मुख्य हिस्सा होंगे। वहीं जानकारी के मुताबिक यह भी पता चला है कि, मौजूदा प्रणाली में किसी डिफॉल्टर को अपराधी घोषित करने में काफी समय लगता है। इस कारण ऐसे में समिति ऐसे तरीकों पर विचार कर रही है ताकि ऐसे मामलों में पहले से सतर्क किया जाएगा। वहीं हम आपको इस बात से भी अवगत करा दे कि इस बारे में कई सुझाव मिले हैं, जिससे ऐसे प्रवर्तकों पर अंकुश लगाया जा सके। इनमें भारतीय नागरिकता छोड़ने और घरेलू कानून में बदलाव के संदर्भ में सुझाव शामिल हैं।