For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

खुशखबरी: घर खरीदने वालों के लिए कैबिनेट का बड़ा फैसला

अपूर्ण अचल संपत्ति परियोजनाओं में फंसे घर खरीदारों को राहत प्रदान करने के लिए सरकार ने बुधवार को दिवालियापन कोड में बदलाव लाने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दी है।

|

अपूर्ण अचल संपत्ति परियोजनाओं में फंसे घर खरीदारों को राहत प्रदान करने के लिए, जिसके खिलाफ दिवालिया कार्यवाही वर्तमान में चालू है, सरकार ने बुधवार को दिवालियापन और दिवालियापन कोड में बदलाव लाने के लिए एक अध्यादेश को मंजूरी दी है। मनी कंट्रोल की रिर्पोट के अनुसार जिसमें गृह खरीदारों को अब वित्तीय लेनदारों की स्थिति दी जा सकती है।

 

घर खदीदने वालों के हक में है फैसला

घर खदीदने वालों के हक में है फैसला

जो लोग घर खरीदने वाले हैं उनके हक में आज कैबिनेट ने एक बड़ा फसला लिया है। बिल्‍डर के दिवालिया होने पर घर खरीदारों को फाइनेंशियल क्रेडिटर का दर्जा मिलेगा। इन्‍सॉलवेंसी एंड बैंकरप्‍सी कोड में बदलाव के लिए अध्‍यादेश लाने को आज कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। नीलामी में प्रमोटर को भी हिस्‍सा लेने की छूट होगी, लेकिन बिल्‍कुल डिफॉल्‍टर न होने पर ही प्रामोटर को छूट मिलेगी।

होम बायर्स को मिलेगा उचित स्‍थान

होम बायर्स को मिलेगा उचित स्‍थान

इसका मतलब है कि घर के खरीदारों को अब बैंकों और संस्थागत लेनदारों के बराबर माना जाएगा और दिवालिया या दिवालिया अचल संपत्ति कंपनियों से बकाया राशि वसूलते समय उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। रिर्पोट के अनुसार बताया कि मध्यम और छोटे उद्यमों के लिए विशेष प्रावधानों की भी योजना बनाई गई है।

उच्‍च स्‍तरीय कानून समिति पर आधारित है
 

उच्‍च स्‍तरीय कानून समिति पर आधारित है

मनी कंट्रोल की रिर्पोट के अनुसार ये परिवर्तन कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के सचिव इंजेती श्रीनिवास की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय कानून समिति की सिफारिशों पर आधारित हैं। समिति ने मार्च के महीने में अपनी रिपोर्ट दिवालिया कानून समिति को जमा कर दी थी।

14 सदस्यीय पैनल ने सिफारिश की थी कि रियल एस्टेट परियोजनाओं में वित्त पोषण की अनूठी प्रकृति और चल रहे मामलों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा घरेलू खरीदारों के इलाज के कारण घरेलू खरीदारों को वित्तीय लेनदारों के रूप में माना जाना चाहिए।

 

उच्‍चस्‍तरीय पैनल में सरकार की सिफारिश

उच्‍चस्‍तरीय पैनल में सरकार की सिफारिश

गृह खरीदारों को वित्तीय लेनदारों के रूप में माना जाना चाहिए जो उन्हें दिवालियापन प्रक्रिया में समान रूप से भाग लेने और लेनदारों की समिति का हिस्सा बनने की अनुमति देगा। इसके अलावा, दिवालियापन और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के तहत प्रस्तावित संकल्प योजना को रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 के प्रावधानों का पालन करना होगा, उच्चस्तरीय पैनल ने अपनी रिपोर्ट में सरकार को सिफारिश की थी।

English summary

Cabinet clears ordinance to amend Insolvency and Bankruptcy code

Homebuyers to be given status of financial creditors enabling them to invoke the insolvency code against builders for project delays.
Company Search
Thousands of Goodreturn readers receive our evening newsletter.
Have you subscribed?
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X