नीरव मोदी की फ्रॉड की वजह से गिरा PNB का ग्रेड
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने पीएनबी की रेटिंग BAA3/P-3 से घटाकर BA1/NP कर दी है, लेकिन बैंक के बेसलाइन क्रेडिट एसेसमेंट और एडजस्टेड बीसीए को डाउनग्रेड करके बीए 3 से बी 1 कर दिया है।
नीरव मोदी ने जो फ्रॉड पंजाब नेशनल बैंक के साथ किया था अब उसका बुरा असर बैंक को झेलना पड़ रहा है। आपको याद दिला दें कि नीरव मोदी ने पीएनबी के साथ लगभग 14 हजार करोड़ रुपए का घोटाला किया था। जिसे देखते हुए ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने पीएनबी की रेटिंग BAA3/P-3 से घटाकर BA1/NP कर दी है। जबकि रेटिंग आउटलुक को स्टेबल रखा है, लेकिन बैंक के बेसलाइन क्रेडिट एसेसमेंट और एडजस्टेड बीसीए को डाउनग्रेड करके बीए 3 से बी 1 कर दिया है।
सोमवार को जारी हुई थी रिर्पोट
यह जानकारी सोमवार को जारी एक रिर्पोट से पता चली है। रिर्पोट में कहा गया है कि बैंक के बीसीए और रेटिंग्स को डाउनग्रेड किए जाने से बैंक के स्टैंडअलोन प्रोफाइल विशेष कैपिटल पोजिशन पर फ्रॉड ट्रांजेक्शन के नकारात्मक असर का पता चलता है।
डाउनग्रेड से बैंक की कमजोरी का चलता है पता
डाउनग्रेड से बैंक के कमजोर इंटरनल कंट्रोल और प्रोसेस का पता चलता है, जिसके चलते कई साल तक फ्रॉड्स का पता ही नहीं चला। फरवरी में बैंक ने घोषणा की थी कि उसको 11,390 करोड़ रुपए के फ्रॉड और अनऑथराइज ट्रांजेक्शंस के बारे में पता चला है। इसके बाद बैंक द्वारा की गई घोषणाओं के बाद पीएनबी का कुल एक्सपोजर 14,400 करोड़ रुपए हो गया।
20 फरवरी 2018 से बैंक का हो रहा था रीव्यू
आपको बता दें जैसे ही पीएनबी घोटाले के बारे में पता चला 20 फरवरी 2018 को बैंक की रेटिंग को रीव्यू करना शुरु कर दिया था, जो कि अब जाके पूरा हो गया है। रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि लेंडर को सरकार से कैपिटल सर्पोट मिलेगा और बैंक अपनी नॉन कोर एसेट्स बेचकर कुछ पूंजी जुटाने में कामयाब रहेगा, जिसमें उसकी रियल एस्टेट होल्डिंग्स शामिल है। इसके साथ ही पीएनबी अपनी हाउसिंग फाइनेंस सब्सिडियरी पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस की आंशिक हिस्सेदारी भी बेच सकती है।
2019 तक एक्सटर्नल कैपिटल की होगी जरुरत
मूडीज की रिर्पोट के अनुसार इन सबके बावजूद इन स्त्रोतों से बैंक के लिए फ्रॉड के खुलासे से पहले के बैंक कैपिटलाइजेशन के लेवल को हासिल करने की उम्मीद कम ही है। इस रिर्पोट में यह अनुमान जाहिर किया गया है कि पीएनबी को मार्च 2019 तक अपनी 8 प्रतिशत की न्यूनतम बेसिल 3 सीईटी 1 जरुरत को पूरा करने के लिए लगभग 12,00-13,000 करोड़ रुपए एक्सटर्नल कैपिटल की जरुरत होगी।