ई-रिक्शॉ के टायर पर GST की उच्चतम दरें लागू
ई-रिक्शॉ में लगने वाले टायरों पर जीएसटी की उच्चमत दरें लगाई जाएंगी। अथॉरिटी फॉर अडवांस रूलिंग्स के आदेश के अनुसार ई-रिक्शा के टायरों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाई जाएगी। प्राधिकरण की महाराष्ट्र पीठ ने टायर बनाने वाली कंपनी सिएट लिमिटेड की याचिका पर यह आदेश दिया है।
इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाने की मुहिम को लगेगा धक्का
एक तरफ सरकार जहां देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की बात कर रही है वहीं दूसरी तरफ उसके पार्ट्स पर टैक्स की उच्चतम दरें भी लागू कर रही है। देश भर में ई-रिक्शॉ के प्रचलन को बढ़ाने पर काम चल रहा है ताकि कार्बन उत्सर्जन को कम किया जा सके और पेट्रोल डीजल से आत्मनिर्भरता खत्म हो सके। पर ई-रिक्शॉ के टायरों पर उच्चतम जीएसटी लगाने से ऐसी मुहिम को धक्का लगा है।
सिएट लिमि. की याचिका पर सुनाया फैसला
आपको बता दें कि, सिएट लिमिटेड ने अपनी याचिका में यह स्पष्ट करने को कहा था क्या ई - रिक्शा को विद्युत मोटर लगे तीन पहियों वाले साइकल रिक्शॉ की श्रेणी में रखा जा सकता है। इस सवाल के जवाब में प्राधिकरण ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ई-रिक्शा में पैडल नहीं होता जबकि बिजली के मोटर लगे तीन पहियों वाले साइकल रिक्शा की श्रेणी में शामिल होने के लिए पैडल होना अनिवार्य है। उसने कहा कि ई-रिक्शा मोटर वाहन अधिनियम के तहत मोटर वाहन है और इसी रूप में स्थानीय परिवहन प्राधिकरणों में पंजीकृत होते हैं।
28% जीएसटी
प्राधिकरण ने कहा कि यह स्पष्ट है कि ई-रिक्शा और बिजली लगे मोटर में तीन पहियों वाले साइकिल रिक्शे समान नहीं हैं बल्कि अलग-अलग हैं। अभी के मौजूदा जीएसटी कानून के तहत यह स्पष्ट है कि ई-रिक्शा में लगने वाले टायर विद्युत मोटर वाले रिक्शा के टायर की तरह नहीं हैं। इसलिए इसपर जीएसटी की सर्वोच्च दरें लागू होंगी।