ATM नगदी संकट: RBI को पहले से थी जानकारी
नगदी की कमी से जूझ रहे देश भर के एटीएम में बुधवार को भी ज्यादातर स्थानों पर 'नो कैश' का ही बोर्ड देखा गया। कैश की कमी के चलते आम जनता परेशान है और उसे ऐसा लग रहा है कि देश में एक बार फिर नोटबंदी जैसे हालात हो गए हैं। इस बीच ये भी खबरें आ रही हैं कि आरबीआई को इस कैश संकट की पहले से ही जानकारी थी।
आंध्रप्रदेश की सरकार ने किया था आगाह
खबरों के मुताबिक आंध्रप्रदेश की सरकार ने मार्च के दौरान ही आरबीआई, सरकार और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को ये संकेत दिए थे कि राज्य के एटीएम में कैश खत्म हो रहा है। साथ ही इस बात की आशंका भी जताई थी कि आने वाले दिनों में कैश की कमी हो सकती है। अब सवाल ये उठता है कि जहब आरबीआई को पहले से जानकारी थी तो उसने कोई ठोस कदम इस दिशा में क्यों नहीं उठाया।
मुद्दे को टाल रहे हैं आरबीआई अधिकारी
खबरों के मुताबिक आरबीआई के वरिष्ठ अधिकारी इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं और बार-बार पूछे जा रहे इस सवाल को टाल रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि इस मामले पर आरबीआई ने पहले ही आधिकारिक बयान जारी कर दिया है और अब इसके अलावा और कुछ नहीं कहा जा सकता है।
2 लाख करोड़ रुपए की रिजर्व नगदी
आरबीआई ने एटीएम में नगदी के संकट पर प्रेसवार्त करते हुए कहा था कि देश के कुछ इलाकों के एटीएम में कैश की दिक्कत है जिसे जल्द ही दूर कर लिया जाएगा। वहीं आरबीआई ने ये भी बताया था कि आपात स्थिति से निपटने के लिए 2 लाख करोड़ रुपए की नगदी सरकार पास रिजर्व के रुप में रखी है।
5 गुना ज्यादा नोटों की हुई छपाई
आरबीआई ने बताया कि वह कैश की कमी से निपटने के लिए 500 रुपए के नोटों की 5 गुना छपाई करेगी। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष गर्ग कहा कि सरकार 500 रुपए के नोटों की सप्लाई बढ़ा रही है। देश में अगले कुछ महीनों में 500 रुपए के नोटों की सप्लाई 5 गुना बढ़ जाएगी। आर्थिक सचिव ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि, प्रतिदिन 500 रुपए के 500 करोड़ रुपए कीमत के नोटों की आपूर्ति की जा रही थी जिसे अब बढ़ाकर 2500 करोड़ रुपए कर दिया जाएगा।
2000 रुपए के नोटों की सप्लाई 'कुछ दिनों' के लिए रुकी
आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष गर्ग ने ये भी बताया कि देश में अगले कुछ दिनों के लिए 2000 रुपए के नोटों की सप्लाई को रोक दिया गया है। इसके पीछे उन्होंनों तर्क दिया कि देश में 2000 रुपए के नोटों की सप्लाई जरूरत से ज्यादा हो चुकी थी जिसके कारण ऐसा निर्णय लिया गया है।