31 मार्च 2018 के बाद बदल जाएंगे ये नियम, आप भी देख लें
यहां पर इनकम टैक्स के उन 7 नियमों के बारे में बताएंगे जो कि 31 मार्च के बाद बदल जाएंगे।
मोदी सरकार के आने से कई सारे बड़े बदलाव हो रहे हैं, जिनसे आम लोगों के साथ-साथ बड़े तबके के लोग भी प्रभावित हुए हैं। साल 2018 का बजट कई बड़े बदलाव लेकर आया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इनकम टैक्स स्लैब में तो कोई बदलाव नहीं किया है, लेकिन कई अन्य बड़े बदलाव जरुर किए हैं। बजट 2018 के ज्यादातर सभी प्रस्ताव 1 अप्रैल से लागू होंगे। ये बदलाव इनकम टैक्स से जुड़े हुए हैं तो आप भी जानिए आखिर ये हैं क्या।
सेस में होगी बढोत्तरी
इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स के इनकम टैक्स पर सेस बढ़ाकर 4 प्रतिशत कर दिया गया है। यानी अब किसी व्यक्ति पर जितना टैक्स बनेगा, उसका 4 प्रतिशत उसे स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर के रुप में देना होगा। जो पहले 3 प्रतिशत था। दरअसल, सेस की कुल राशि सरकार के पास ही रहती है, जबकि टैक्स से जुटाई गई राशि में राज्यों की भी हिस्सेदारी होती है।
फिर से लागू होगा LTCG टैक्स
अप्रैल 2018 से कम से कम 1 साल की होल्डिंग वाले शेयरों या इक्विटी म्यूचुअल फंड्स से हुई 1 लाख रुपए से ज्यादा कमाई पर 10 प्रतिशत का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लागू हो जाएगा। फिलहाल, इन्हें 31 जनवरी 2018 तक हुए मुनाफे टैक्स फ्री रहेंगे। इसका मतलब हुआ कि 1 फरवरी के बाद से शेयरों या इक्विटी म्यूचुअल फंड आई बढ़त में से 1 लाख रुपए घटकर ही टैक्स देने होंगे।
सिंगल प्रीमियम इंश्योरेंस स्कीम पर टैक्स लाभ
सिंगल प्रीमियम वाले इंश्योरेंस स्कीम पर अब ज्यादा टैक्स छूट दिया जाएगा। कई सालों तक इंश्योरेंस की रकम देते रहने पर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां कुछ डिस्काउंट देती हैं। पहले बीमा लेने वाले 25,000 रुपए तक की रकम पर ही टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते थे, लेकिन इस बजट में एक साल से ज्यादा के सिंगल प्रीमियम स्वास्थ्य बीमा योजना पर बीमा अवधि के अनुपाम में छूट दिए जाने का प्रस्ताव किया गया है। इसलिए 2 साल के इंश्योरेंस कवर के लिए 40,000 रुपए देने पर इंश्योरेंस कंपनी अगर 10 प्रतिशत डिस्काउंट दे रही है तो आप दोनों साल 20-20 हजार रुपए का टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।
NPS पर टैक्स का फायदा
भारत सरकार ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में जमा रकम निकालने पर टैक्स छूट का लाभ अब उन लोगों के लिए भी देने का प्रस्ताव किया है जो एंप्लॉयी नहीं हैं। अभी एनपीएस में योगदान करने वाले कर्मचारियों को ह अकाउंट बंद होने या NPS से निकालते वक्त उन्हें देय कुल रकम के 40 प्रतिशत पर टैक्स छूट दी जाती है। अभी यह टैक्स इंजेंप्शन नॉन-एंप्लॉई सब्सक्राइबर्स के लिए उपलब्ध नहीं थी। अब 1 अप्रैल से इन्हें भी यह लाभ मिलेगा।
वरिष्ठ जनों को आय पर टैक्स छूट
1 अप्रैल से वरिष्ठ नागरिकों को बैंकों और पोस्ट ऑफिस में जमा रकम से मिले 50 हजार रुपए तक के ब्याज को टैक्स फ्री कर दिया गया है। आपको बता दें कि अब तक इनकम टैकस एक्ट के सेक्शन 80TTA के तहत किसी व्यक्ति को ब्याज से हुए 10,000 रुपए तक के लाभ पर टैक्स छूट मिलता रहा है। अब नया सेक्शन 80TTB जोड़ा जाएगा, जिसके अंतर्गत वरिष्ठ नागरिकों के एफडी और आरडी से 50,000 रुपए तक मिला ब्याज टैक्स फ्री होगा। धारा 194ए के तहत TDS काटने की जरुरत नहीं रही।
इलाज पर टैक्स छूट की सीमा ज्यादा
सरकार ने गंभीर बीमारियों के इलाज के खर्च पर टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर 1 लाख रुपए की दी है। पहले यह सीमा 80 वर्ष से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों के लिए 80,000 रुपए जबकि 60 से 80 बर्ष के बुजुर्गों के लिए 60,000 रुपए थी। सेक्शन 80 डी के तहत वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और जनरल मेडिकल एक्सपेंडिचर पर टैक्स छूट की सीमा 30 हजार रुपए से बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दी गई है।
स्टैण्डर्ड डिडक्शन
अरुण जेटली ने वेतनभोगियों और पेंशनभोगियों को 40 हजार रुपए स्टैण्डर्ड डिडक्शन का लाभ दिया है। हालांकि 19,200 रुपए के ट्रांसपोर्ट अलाउंस और 15,000 रुपए के मेडिकल रीइंबर्समेंट की सुविधा वापस ले ली गई है।