ट्रेड वॉर से डरे बाजार, सेंसेक्स 410 अंक गिरा, निफ्टी 10K से नीचे हुआ बंद
अमेरिका-चीन के बीच शुरु हुए ट्रेड वॉर से दुनिया भर के बाजार सहम गए हैं। भारतीय बाजार पर इस ट्रेड वॉर का बड़ा असर देखा गया है। कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन भारतीय बाजार बड़ी गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी 10 हजार अंको से नीचे गिर गया और प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 33 हजार से नीचे के स्तर पर आ गया है।
410 अंक गिरकर बंद हुआ बाजार
शेयर बाजार आज गिरावट के साथ खुले और कारोबार बंद होने तक सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स 410 और गिरकर 32 हजार 596 अंको पर बंद हुआ वहीं निफ्टी 117 अंक गिरकर 9 हजार 998 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में 1.24 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और निफ्टी में 1.15 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।
स्मॉलकैप-मिडकैप शेयरों में भी गिरावट
मिडकैप और स्मॉल कैप शेयर में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। बीएसई का मिडकैप 1.4 प्रतिशत तक गिरकर 15 हजार 694 पर बंद हुआ वहीं निफ्टी की मिडकैप इंडेक्स 1.5 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 18 हजार 474 के स्तर पर बंद हुआ।
इन शेयरों में दिखी तेजी
जिन शेयरों में तेजी देखी गई उनमें, जी एंटरटेनमेंट, अडानी पोर्ट्स, पॉवर ग्रिड, इंफोसिस, एशियन पेंट्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, भारती एयरटेल और एचसीएल के शेयर शामिल रहे।
दिग्गज शेयरों में उछाल
जिन शेयरों में गिरावट देखी गई है उनमें वेदांता, यस बैंक, ल्यूपिन, एसबीआई, ICICI बैंक और टाटा स्टील्स के शेयर शामिल हैं।
अमेरिका चीन के बीच ट्रेड वॉर का असर
आपको बता दें कि अमेरिका ने गुरुवार को चीन के खिलाफ खुले तौर पर ट्रेड वॉर का एलान कर दिया और ये साफ कर दिया कि दोनों देशों के बीच ट्रेड असमान ड्यूटी और दरों पर अब मुमकिन नहीं है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को चीनी सामानों के आयात पर लगभग 50 अरब डॉलर का शुल्क लगाने संबंधी मेमो पर हस्ताक्षर कर दिए।
IPR की चोरी रोकने के लिए US ने उठाया ये कदम
समाचार चैनलों के मुताबिक अमेरिका ने इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी की चोरी की सात महीने की जांच के बाद यह कदम उठाया गया है। इस शुल्क के अलावा अमेरिका ने चीन पर नए निवेश प्रतिबंध लगाने की भी योजना बनाई है। इसके साथ ही विश्व व्यापार संगठन और राजस्व विभाग भी चीन पर अतिरिक्त कदम उठाएगा।
अब अमेरिका का फायदा नहीं उठा सकते मित्र राष्ट: ट्रंप
ट्रंप ने कहा, "हम इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी चोरी की समस्या से जूझ रहे हैं।" ट्रंप ने गुरुवार को 1974 के व्यापार अधिनियम की धारा 301 के हवाला देकर एक मेमो पर हस्ताक्षर किए। वहीं ट्रंप ने इशारों में ही अमेरिका के साथी देशों को भी निशाने पर लिया जिसमें उन्होंने जापान और दक्षिण कोरिया का नाम लिया। ट्रंप ने कहा कि, भले ही कोई देश अमेरिका का कितना बड़ा हितैषी क्यों ना हो वह अमेरिका का फायदा नहीं उठा सकता है।
चीन-यूरोपियन यूनियन की टिप्पणी
अमेरिका के इस कदम से यूरोपीय यूनियन और चीन में हलचल मच गई है। यूरोपीय यूनियन पहले ही ट्रंप के ऐसे फैसलों की आलोचना कर चुका है वहीं चीन ने भी साफ कर दिया है कि ट्रेड वॉर शुरु करने से किसी का भला नहीं हो सकता है। चीन ने कहा है कि ट्रेड वॉर में कोई भी देश विजेता नहीं बन सकता है।
नजर बनाए हुए है भारत
इन सबसे अलग भारत की निगाहें दोनों देशों के अगले कदम पर हैं। हालांकि ट्रंप ने भारत को भी पहले ही आगाह कर दिया है कि वह प्रीमियम बाइक्स पर इंपोर्ट ड्यूटी को कम करे। भारत सरकार ने प्रीमियम बाइक्स पर इंपोर्ट ड्यूटी को घटाकर 50% तक कर दिया है और मोदी सरकार अब इससे कम इंपोर्ट ड्यूटी करने के मूड में नहीं है। हाल के दिनों में भारत सरकार ने भारतीय व्यापारियों को राहत देने के लिए सीमेंट, चीनी, पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी है जिससे देश के उद्योगों को ज्यादा बल मिल सके।