जानिए कौन है आगे, यूपी या बिहार?
भारत के दो राज्य ऐसे हैं जिन्हें लेकर हमेशा से चर्चा होती रहती है। हिंदी बेल्ट का प्रतिनिधित्व करने वाले ये दो राज्य हैं उत्तर प्रदेश और बिहार। इन दो राज्यों में लगभग 31 करोड़ से ज्यादा लोग रहते हैं। दोनों ही राज्यों में एक ही भाषा हिंदी पढ़ी लिखी और बोली जाती है साथ ही अवधी, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी और मैथिल भी बोलियों को जानने वालों की तादात बहुत ज्यादा है। दोनों ही राज्यों के पास पानी और जमीन का बहुमूल्य संसाधन है। तो आज यहां हम देखेंगे कि भारत के ये दोनों राज्य आर्थिक पैमाने पर एक दूसरे से कितना आगे हैं। यहां हम आज जीडीपी, प्रति व्यक्ति आय, साक्षरता जैसे महत्वपूर्ण पैमानों पर उत्तर प्रदेश और बिहार की तुलना करेंगे।
उत्तर प्रदेश
आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश का देश के विकास में बहुत योगदान है। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से लेकर अब तक उत्तर प्रदेश का इतिहास स्वर्णिम रहा है। संविधान को अपनाने के बाद राज्य को उत्तरप्रदेश का नाम दिया गया, ब्रिटिश काल में इसे यूनाइटेड प्रोविंस के नाम से जाना जाता था। भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू उत्तर प्रदेश से ही थे। जाने-माने स्वतंत्रता सेनानी गोविंद वल्लभ पंत उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने थे। सन 2000 में उत्तर प्रदेश का विभाजन हुआ और एक नए राज्य उत्तराखंड का जन्म हुआ। उत्तर प्रदेश की आबादी 22 करोड़ से ज्यादा है, यहां 75 जिले हैं, 80 लोकसभा की सीटें, 403 विधानसभा की सीटें हैं। राजनीतिक रुप से उत्तर प्रदेश बहुत ही महत्वपूर्ण है। राज्य की आधिकारिक भाषा हिंदी है।
बिहार
चंद्रगुप्त मौर्य, सम्राट अशोक की धरती बिहार का इतिहास बहुत ही स्वर्णिम रहा है। बिहार के नालंदा विश्वविद्यालय, विक्रमशिला का गौरव पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। चाणक्य, आर्यभट्ट, जैन और बौद्ध धर्म के अलावा बिहार सिख धर्म के दसवें गुरु, गुरू गोविंद सिंह के लिए भी जाना जाता है। 1905 में बिहार पश्चिम बंगाल से अलग होकर अस्तित्व में आया। 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम में भी बिहार की भूमिका अग्रणी थी। बिहार के बाबू कुंवर सिंह का योगदान आज भी लोगों की जुबान पर है। आजादी की लड़ाई के दौरान गांधी जी ने बिहार से सत्याग्रह शुरु किया था जिसे चंपारण सत्याग्रह के नाम से जाना जाता है। उत्तर प्रदेश की ही तरह बिहार में सन 2000 में बंटवारा हुआ और एक नए झारखंड का जन्म हुआ। झारखंड के अलग हो जाने से कारण बिहार के पास से बहुत बड़ी खनिज संपदा हाथ से निकल गई। बिहार की जनसख्या 10 करोड़ के आस-पास है।
उत्तर प्रदेश में साक्षरता की दर
2011 में हुई जनगणना के आधार पर यदि देखें तो उत्तरप्रदेश में साक्षरता की दर 67.68 प्रतिशत है। इसमें 77.28 प्रतिशत पुरुष हैं जबकि 57.18 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। उत्तर प्रदेश में शिक्षा के लिए प्राइमरी स्तर से लेकर विश्वविद्यालय तक हैं। यहां राज के बोर्ड यूपी बोर्ड के अलावा, केंद्रीय बोर्ड के जरिए भी पढ़ाई होती है। राज्य में तमाम विश्वविद्यालय हैं। तीन केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं, जिसमें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय और अलीगढ़ मुस्लिम विश्विविद्यालय है। राज्य में कानपुर IIT और IIT BHU है। लखनऊ में अखिल भारतीय प्रबंधन संस्थान IIM लखनऊ भी है।
बिहार की साक्षरता दर
उत्तर प्रदेश के मुकाबले बिहार की साक्षरता दर कम है। बिहार में 61.80 प्रतिशत साक्षरता है। इसमें 51.50 प्रतिशत महिलाएं साक्षर हैं जबकि 71.20 प्रतिशत पुरुष साक्षर हैं। बिहार में भी राज्य के बोर्ड के अलाना केंद्रीय बोर्ड के जरिए पढ़ाई होती है। यहां हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही माध्यम के स्कूल हैं। बिहार में उच्च शिक्षा के लिए कई विश्वविद्यालय हैं। इनमें वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, मगध विश्वविद्यालय आदि हैं। बिहार में पटना में IIT भी है।
उत्तर प्रदेश की जीडीपी
आबादी के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तरप्रदेश है। उत्तर प्रदेश की कुल जीडीपी 230 बिलियन डॉलर है जो कि 14.89 लाख करोड़ रुपए के बराबर है। आश्चर्य की बात ये है कि उत्तर प्रदेश की जीडीपी बांग्लादेश की जीडीपी 193 बिलियन डॉलर से काफी आगे है। उत्तर प्रदेश देश के उन चुनिंदा राज्यों में है जिसकी जीडीपी 200 बिलियन डॉलर से ज्यादा है।
बिहार की जीडीपी
हाल ही में बिहार की जीडीपी ग्रोथ को लेकर खबरें आई थीं जिसमें बिहार की जीडीपी 10 प्रतिशत से भी तेजी से आगे बढ़ रही थी। बिहार की जीडीपी 80 बिलियन डॉलर है यानि कि 5.15 लाख करोड़ रुपए। बिहार की तुलना श्रीलंका की जीडीपी के साथ कर सकते हैं। श्रीलंका की जीडीपी 80.591 बिलियन डॉलर है और ग्रोथ रेट 4.79 प्रतिशत है। इस लिहाज से हम देख सकते हैं कि बिहार की जीडीपी की ग्रोथ श्रीलंका से तेज है और आने वाले दिनों में ये श्रीलंका जैसे तमाम देशों को पीछे छोड़ देगी। हालांकि बिहार की जीडीपी उत्तर प्रदेश की जीडीपी 230 बिलियन डॉलर मुकाबले काफी कम है।
उत्तर प्रदेश की जीडीपी प्रति व्यक्ति आय
जीडीपी प्रति व्यक्ति आय के मामले में उत्तर प्रदेश देश के तमाम राज्यों से आगे है। हालांकि आबादी में ज्यादा होने के कारण कई छोटे और कम आबादी वाले राज्यों के मुकाबले उत्तर प्रदेश का औसत कम हो जाता है। उत्तर प्रदेश की जीडीपी प्रति व्यक्ति आय 740 डॉलर है जिसे रुपए में बदलें तो इसकी कुल कीमत 48 हजार 248 रुपए बनती है।
बिहार की जीडीपी प्रति व्यक्ति आय
बिहार की जीडीपी प्रति व्यक्ति आय देश में सबसे कम है। सभी राज्यों में बिहार की जीडीपी प्रति व्यक्ति आय सबसे नीचे है। बिहार की जीडीपी प्रति व्यक्ति आय सिर्फ 520 डॉलर है, हालांकि इसके बाद उत्तर प्रदेश का ही नंबर है। ज्यादातर राज्यों की जीडीपी प्रति व्यक्ति आय 1000 डॉलर या उससे ज्यादा है। बिहार की जीडीपी प्रति व्यक्ति आय 520 डॉलर को रुपए में बदलें तो इसकी कुल कीमत 33 हजार 904 रुपए बनती है।
उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहर और उद्योग
उत्तर प्रदेश में तमाम बड़े शहर और उद्योग हैं। हथकरघा से लेकर आधुनिका कारखाने तक उत्तर प्रदेश में हैं। व्यापारिक शहरों में सबसे पहला नाम नोएडा का आता है। नोएडा से प्रदेश को बड़े राजस्व की प्राप्ति होती है। इसके अलावा राजधानी लखनऊ, वाराणसी, उत्तप्रदेश, आगरा, मथुरा, मेरठ, गाजियाबाद समेत तमाम बड़े शहर हैं। उत्तर प्रदेश के प्रमुख उद्योंगो में हस्तशिल्प, वस्त्र उद्योग, चीनी मिल, वनस्पति तेल का उत्पादन, सीमेंट के कारखाने आदि हैं। केन्द्र सरकार ने यहाँ पर भारी उपकरण, मशीनें, इस्पात, वायुयान, टेलीफ़ोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और उर्वरकों के उत्पादन वाले बहुत से बड़े कारख़ाने स्थापित किए हैं। यहां मथुरा में एक तेल रिफाइनरी और राज्य के दक्षिण-पूर्वी मिर्ज़ापुर ज़िले में कोयला क्षेत्र का विकास केन्द्र सरकार की दो प्रमुख परियोजनाएं हैं। राज्य सरकार ने मध्यम और लघु स्तर के उद्योगों को प्रोत्साहन दिया है।
बिहार के प्रमुख शहर और उद्योग
बिहार की तस्वीर भी कुछ-कुछ उत्तरप्रदेश जैसी ही है। यहां के बड़े शहरों में राजधानी पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया, आरा, दरभंगा, सीवान, पश्चिमि चंपारण और मोकामा आदि हैं। बिहार के प्रमुख उद्योंगो की यदि बात करें तो यहां पर वस्त्र उद्योग, चमड़ उद्योग, चीनी मिल, रेल कारखाना, शराब कारखाना, दवा बनाने का कारखाना, बरौनी में भारतीय तेल निगम का तेलशोधक कारखाना और तमाम सीमेंट कारखाने हैं। राज्य की आय का प्रमुख स्रोत कृषि है।
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