सरकारी नौकरी पाने के लिए 5 साल तक करना होगा ये काम
एक बार फिर संसद में भारतीय सेना के जवान और उनके पास मौजूद हथियारों के आधुनिकीकरण का मुद्दा उठाया जा रहा है। मंगलवार यानी कि 13 मार्च को संसदीय स्थायी समिति ने अपनी रिर्पोट पेश करते हुए संसद में कहा कि वर्तमान समय में भारतीय सेना जवानों की कमी से जूझ रही है, जिसे वक्त रहते पूरा करने की आवश्यकता है। संसदीय स्थायी समिति ने अपनी रिर्पोट में सुझाव देते हुए कहा कि देश में सरकारी नौकरी करने से पहले युवाओं को 5 साल सरहद पर सेना की सर्विस में तैनात किया जाना चाहिए।
अनुशासति होंगे कर्मचारी
केंद्रीय समिति ने अपनी रिर्पोट में कहा है कि सरकारी नौकरी से पहले अगर लोगों को सेना की सर्विस में लगाया जाएगा तो वह ज्यादा अनुशासित होंगे। साथ ही यह भी कहा गया कि भारतीय रेलवे से लेकर तमाम सरकारी विभागों में नौकरी के लिए जितने आवेदन आते हैं, उसके आधे आवेदन सेना में आते हैं। लोगों का ध्यान सरकारी नौकरी पाने के लिए तो है लेकिन देश की सेवा करने के लिए सेना में आने की ओर नहीं है।
भारतीय सेना की स्थिति पर जताई चिंता
संसद की स्थाई समिति ने सदन में पेश रिर्पोट में यह भी जानकारी दी की हमारी सेना के पास मौजूदा हथियारों में से 68 प्रतिशत हथियार पुराने हैं। पाकिस्तान और चीन द्वारा लगातार अपनी-अपनी सेनाओं के आधुनिकीकरण करने और सैन्य क्षमता बढ़ाने के संबंध में भारतीय सेना की इस स्थिति पर स्थायी समिति ने चिंता भी जाहिर की है। भाजपा सांसद मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूरी की अध्यक्षता वाली समिति की संसद में पेश रिर्पोट में यह चिंता जाहिर की गई है।
आधुनिकीकरण के लिए 21,338 करोड़ रुपए का बजट
आपको बता दें कि स्थायी समिति ने साल 2018-19 के दौरान सरकार द्वारा सेना को आवंटित बजट की जांच की। समिति के अनुसार सेना को आधुनिकीकरण के लिए 21,338 करोड़ रुपए आवंटित किए गए। जबकि विपरीत परिस्थिति के लिए खरीद समेत पहले सह ही चल रही 125 स्कीमों की जरुरत भी इससे पूरी नहीं होगी।
21,338 करोड़ रुपए का बजट रहा बेकार
समिति ने आधुनिकीकरण के लिए 21,338 करोड़ रुपए के आवंटन को भी बेकार बताया। इसके साथ ही यह टिप्पणी की यह तो पहले से चिन्हित 29,033 करोड़ रुपए के खर्च को भी पूरा नहीं करता। इसलिए सेना अपने आधुनिकीकरण के लिए कुछ भी नहीं कर सकती।
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