उप चुनावों में हार के बाद मोदी सरकार को मिली ये खुशखबरी!
भले ही उप चुनावों में बीजेपी का प्रदर्शन खराब रहा हो लेकिन आर्थिक मोर्चे पर केंद्र की मोदी सरकार पूरी तरह से कामयाब रही है। मोदी सरकार के लिए आर्थिक मोर्चे से अच्छी खबर मिली है। विश्व बैंक ने अनुमान लगाया है कि भारत की अर्थव्यवस्था 20019-20 तक 7.3 फीसदी पर बनी रह सकती है। विश्व बैंक ने एक स्थिर अर्थव्यवस्था के संकेत दिए हैं।
वर्तमान में भारत की GDP ग्रोथ 7.2 प्रतिशत
हाल ही में जारी हुए जीडीपी के आंकड़ों में भारत की ग्रोथ रेट 7.2 प्रतिशत बताई गई है जो कि काफी अच्छी है। इस ग्रोथ रेट के साथ ही भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गया है। भारत की जीडीपी ग्रोथ इस वक्त दुनिया में सबसे तेज है। जीडीपी में तेजी मोदी सरकार की आर्थिक सुधारों के प्रति गंभीरता को दर्शाती है।
चीन को पीछे छोड़ा
जीडीपी ग्रोथ के मामले में चीन भारत से पिछड़ गया है। इसी तिमाही में चीन की जीडीपी 6.8 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ रही है जबकि भारत की जीडीपी 7.5 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ रही है। पिछले कुछ वर्षों में भारत ने चीन जाने वाले तमाम निवेशकों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया है। जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को गति मिली है। वहीं मेक इन इंडिया, स्टार्टअप को शुरु करने में सरकारी मदद और देश के सीमांत व्यक्ति का बैंक खाता खोलकर अर्थव्यवस्था की मुख्य धारा से जोड़ने जैसे काम से इकोनॉमी को बल मिला है।
2019-20 तक भारत की GDP ग्रोथ 7.3%: वर्ल्ड बैंक
विश्व बैंक की ओर से बुधवार को कहा गया कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और विमुद्रीकरण के चलते निचले स्तर पर पहुंचने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर वित्त वर्ष 2019-20 तक वापस 7.5 फीसदी बनी रह सकती है। विश्व बैंक ने कहा कि भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर वित्त वर्ष 2017-18 में बढ़कर 7.3 फीसदी होने का अनुमान है। आगे वित्त वर्ष 2018-19 और 2019-20 में क्रमश: विकास दर 7.5 फीसदी बनी रह सकती है।
8% की विकास दर के लिए कई मोर्चों पर करना होगा सुधार
भारत में आर्थिक विकास को लेकर आई ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि आठ फीसदी की विकास दर हासिल करने के लिए साख, निवेश और भारत के निर्यात क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने से जुड़े मसलों का समाधान करने के मकसद से लगातार सुधार लाना होगा। बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "विकास दर बढ़ाने के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ लगातार अनुकूल माहौल बनाए रखना होगा।"