MP बजट 2018: किसानों का कर्ज नहीं हुआ माफ, आय दोगुना करने पर फोकस
मध्य प्रदेश विधानसभा में राज्य के वित्तमंत्री जयंत मलैया आज वर्ष 2018-19 का दो लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट पेश किया। इस बजट में खेती, कर्मचारियों, स्वास्थ्य, शिक्षा, गरीबी पर खास जोर दिया गया है।
2 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का बजट
राज्य की वर्तमान विधानसभा का यह अंतिम बजट है। यह बजट 2,04,642 करोड़ रुपये का है। भाजपा सरकार का यह 14वां और मलैया का पांचवां बजट है। इस बजट में 26,780 करोड़ रुपये का घाटा दर्शाया गया है।
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विभिन्न क्षेत्रों में खर्च का ब्यौरा प्रस्तुत किया गया
मलैया ने बजट पेश किए जाने के दौरान वर्ष 2003 में कांग्रेस के कार्यकाल की स्थिति और 2018 की स्थिति की भी तुलना की। सिंचाई, स्वास्थ्य, शिक्षा, अधोसंरचना सहित अन्य क्षेत्रों में कितना बदलाव आया है, मलैया ने इसका भी ब्यौरा दिया। बजट को सदन में पेश किए जाने से पहले कैबिनेट की बैठक में रखा गया, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। मलैया ने कैबिनेट में बजट की खूबियों का भी जिक्र किया।
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किसानों को फसल का सही दाम देने का प्रयास
सदन में बजट पेश करने से पहले मलैया ने घर से निकलते समय संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा था कि इस बजट में बीते 14 सालों की उपलब्धियों का जिक्र भी होगा। इस बजट में सेवा, विकास आदि पर विशेष जोर होगा। सरकार द्वारा किसानों को उपज का बेहतर दाम देने की कोशिश होगी।
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बजट की मुख्य बातें
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- अल्पकालिक कर्ज चुकाने हेतु डिफाल्टर किसानों के लिए समझौता योजना के तहत 350 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। किसानों को कर्ज चुकाने की अंतिम तारीख 28 मार्च से बढ़ाकर 27 अप्रैल की गई है।
- पशुपालन के लिए 1,038 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। साथ ही मत्स्य पालन के लिए 51 करोड़ 89 लाख रुपए का प्रावधान है।
- स्मार्ट सिटी के लिए 700 करोड़ का प्रावधान किया गया है। 532 नयी सड़कें, 38 नए पुल बनाया जाएंगे।
- कृषि क्षेत्र के लिए 37,498 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयास किये जा रहे हैं ।
- सुगम यातायात के लिए जबलपुर, सागर और ओरछा में बायपास बनाए जाएंगे।
- 15 लाख किसान भावांतर भुगतान योजना में शामिल हुए हैं । किसानों के खातों में 1,500 करोड़ रूपए जमा कराया गया है।
- सहकारिता क्षेत्र के लिए 1,627 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है, इससे 28 लाख किसानों को लाभ हुआ है।
- लोक स्वास्थ्य के लिए 5,689 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। स्वास्थ्य सुविधा को अधिक मजबूत करने के लिए प्रदेश में 6 नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे।
- बच्चों के पूरक पोषण आहार के लिए 3,722 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
- स्वच्छ भारत मिशन में शहरी क्षेत्र के लिए 395 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। प्रदेश के सभी शहरी क्षेत्र ओडीफ भी घोषित हो चुके हैं। अब तक 7.5 लाख व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण भी किया जा चुका है।
- लाडली लक्ष्मी योजना के लिए 9,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। अब तक 27 लाख कन्याओं को इस योजना से लाभ मिल चुका है।
- स्कूल शिक्षा के लिए 21 हजार 724 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, साथ ही शिक्षक व अतिथि विद्वानों का वेतन बढ़ाया जायेगा। अध्यापक संवर्ग को खत्म कर शिक्षक बनाया जाएगा।