अटल पेंशन ग्राहकों की संख्या 86 लाख से ऊपर पहुंची
असंगठित क्षेत्र में समाज के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को पेंशन अथवा वृद्धावस्था में आय सुरक्षा के दायरे में लाने के लिए सरकार ने मई 2015 में अटल पेंशन योजना (एपीवाई) की शुरूआत की।
पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग के साथ नियमित आधार पर एपीवाई पहुंच कार्यक्रम चलाया। पीएफआरडीए ने दिसम्बर 2017 के दौरान एक पखवाड़े के लिए एपीवाई के अन्तर्गत ग्राहकों के पंजीकरण के लिए सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, निजी क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सहकारिता बैंकों (शहरी और ग्रामीण) और डाक विभाग के अध्यक्ष और प्रबन्ध निदेशकों के लिए उत्कृष्टता निर्माता अभियान चलाया। इस अभियान के अर्न्तगत 6 लाख अटल पेंशन योजना खातों का स्रोत एपीवाई सेवा प्रदाता बैंक था। अभियान के दौरान विभिन्न बैंकों को लक्ष्य आंवटित किए गए। अभियान के अन्तर्गत लक्ष्य को हासिल करने वाले कुल 21 बैंकों में से 6 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, 14 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और 1 सहकारिता बैंक शामिल थे। पीएफआरडीए ने विजया बैंकों के शीर्ष प्रबन्धन को आगामी पीएफआरडीए पेंशन सम्मेलन में पुरस्कृत करने की योजना बनाई है।
एपीवाई योजना 1 जून, 2015 से अस्तित्व में आई और 18-40 वर्ष की आयु वर्ग के भारत के सभी नागरिक इसका लाभ ले सकते हैं। योजना के अन्तर्गत किसी भी ग्राहक को 60 वर्ष की आयु से 1000 रुपये से 5000 रुपये प्रतिमाह न्यूनतम पेंशन की गांरटी है। पेंशन की यही राशि ग्राहक के जीवनसाथी को भी दी जाएगी और दोनों की मृत्यु होने पर पेंशन की जमा राशि नामित व्यक्ति को दे दी जाएगी।
एपीवाई योजना उसी निवेश पैटर्न का पालन करती है, जो केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के एनपीएस योगदान पर लागू है। वर्ष 2016-17 के दौरान इसे 13.91 प्रतिशत रिटर्न मिला।
वर्तमान में एपीवाई ग्राहकों की संख्या 86 लाख से ऊपर है।