NPA को लेकर RBI के कड़े नियम, जारी किए ये निर्देश
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैड लोन अथवा एनपीए से निपटने के लिए नियमों में थोड़ा सख्ती कर दी है। आरबीआई ने कई लोन रिस्ट्रक्चरिंग प्रोग्राम्स को भी निरस्त कर दिया है। आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने बड़े NPA निपटाने की समय सीमा तय कर दी है। इसके तहत बैंकों को डिफाल्ट हो चुके लोन की जानकारी आरबीआई को हर सप्ताह देनी होगी।
लोन रीस्ट्रक्चरिंग स्कीम्स, कॉरपोरेट डेट रीस्ट्रक्चरिंग, S4A, स्ट्रैटजिक डेट रीस्ट्रक्चरिंग समेत अन्य कई स्कीम्स को निरस्त कर दिया है। इंसालवेंसी एंड बैंकरप्टसी कोड लागू होने के बाद इन योजनाओं का कोई महत्व नहीं रह गया है। इसके अलावा इन योजनाओं को खत्म करना इसलिए भी अनिवार्य हो गया था क्योंकि इनका दुरुपयोग शुरु हो गया था।
रिजर्व बैंक ने बैंकों से कहा है कि वह चुनिंदा डिफाल्टर्स का डाटा हर सप्ताह केंद्रीय बैंक के साथ साझा करें। बैंको को निर्देश दिया गया है कि इस डाटा को हर शुक्रवार को आरबीआई के साथ साझा किया जाए।
यह भी कहा गया है कि 2 हजार करोड़ या उससे ज्यादा के डिफाल्ट लोन अकाउंट का निपटारा करने के लिए बैंकों के पास एक योजना तैयार होनी चाहिए। आरबीआई ने कहा कि लोन डिफॉल्ट होने के 180 दिनों के भीतर यह योजना तैयार हो जानी चाहिए।
अगर इस योजना को समय सीमा के अंदर लागू नहीं किया गया तो उस खाते को दिवालिया मामलों की अदालत में 15 दिनों के अंदर भेज दिया जाना चाहिए।