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आम बजट 2018: रियल एस्‍टेट कंपनी चाहती हैं ये बदलाव

By Pratima
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केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का केंद्रीय बजट पेश करेंगे। मोदी सरकार का पांचवां बजट 2017 के बजट से अलग होगा। जैसा कि आप सब जानते हैं कि यह 2019 लोकसभा चुनावों से पहले मोदी सरकार का आखिरी पूरा बजट होगा।

 
आम बजट 2018: रियल एस्‍टेट कंपनी चाहती हैं ये बदलाव

2017 में जीएसटी, रेरा और डिमोनेटाइजेशन जैसे सुधारों का विकास हुआ है जिसका भारत के रियल एस्‍टेट सेक्‍टर पर बड़ा असर हुआ है। इन परिवर्तनों के साथ, सरकार ने निवेशक और ग्राहक के आत्मविश्वास को बढ़ाया और जवाबदेही में पारदर्शिता भी लाया।

 

'सभी के लिए आवास' और 'स्मार्ट शहरों' के उपायों को प्रदान करने के लिए सरकार की दीर्घकालिक दृष्टि से रियल एस्टेट उद्योग को बनाने, व्यवस्थित करने और विविधता लाने में मदद मिलेगी। हालांकि ऐसी सकारात्मक घोषणाएं की जा रही हैं जिससे रियल एस्टेट उद्योग में परिवर्तन की उम्मीद है।

आयकर प्रावधानों का मानना ​​है कि अचल संपत्ति का मूल्यांकन कम से कम एक स्टैंप ड्यूटी वैल्यूएशन पर किया जाना चाहिए जो कि शेयर लेन-देन के मूल्य तक बढ़ जाता है।

रियल एस्‍टेट की उम्‍मीदों में किफायती आवास श्रेणी के दायरे को बढ़ाया जाना और जीएसटी की मौजूदा दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 6 या 8 प्रतिश किया जाना प्रमुख है। साथ ही पूरे रियल एस्‍टेट को इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर का दर्जा पाने की भी उम्‍मीद है।

इसके अलावा अंडर कंस्‍ट्रक्‍शन प्रॉपर्टी पर जीएसटी दरों में कमी लाई जानी चाहिए। तो वहीं नए प्रोजेक्‍ट पर टैक्‍स छूट की भी डिमांड है।

English summary

Real estate companies want these changes from Union Budget 2018

Know the expectations of real sector from union budget 2018.
Story first published: Tuesday, January 23, 2018, 17:35 [IST]
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