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व्हाइट हाउस में काम-काज ठप, भारत को लग सकता है झटका!

By Ashutosh
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अमेरिकी संसद में डेमोक्रेट सांसदों ने अल्पकालिक व्यय विधेयक पारित नहीं होने दिया, जिसके कारण अमेरिका में चार साल से ज्यादा समय बाद पहली बार सरकार का कामकाज डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति के रूप में पहले साल के शासनकाल में शनिवार को ठप होना शुरू हो गया है।

राष्ट्रपति ट्रंप ने डेमोक्रेट्स को बताया जिम्मेदार

राष्ट्रपति ट्रंप ने डेमोक्रेट्स को बताया जिम्मेदार

इस संकट के कारण हजारों कर्मचारियों को अवैतनिक छुट्टी पर जाना पड़ेगा। इस 'कामबंदी' के लिए डेमोक्रेट और रिपब्लिक दोनों दलों के सांसदों ने एक दूसरे को जिम्मेवार ठहराया है, जिसके कारण सोमवार से हजारों सरकारी कर्मचारियों को छुट्टी पर जाना होगा और इस अवधि का उन्हें वेतन भी नहीं मिलेगा।

बिल के विरोध में दोनों दल

बिल के विरोध में दोनों दल

100 सदस्यीय सीनेट से बिल को पारित करने के लिए 60 वोट की जरूरत थी। बिल के खिलाफ 48 के मुकाबले 50 वोट पड़े। सरकारी खर्च संबंधी इस विधेयक को हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव ने गुरुवार को पारित किया था। रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटरों ने भी बिल के विरोध में डेमोक्रेट्स का साथ दिया।

ड्रीमर्स को निर्वासन से बचाने के लिए रोका बिल

ड्रीमर्स को निर्वासन से बचाने के लिए रोका बिल

डेमोक्रेटिक पार्टी करीब सात लाख 'ड्रीमर्स' को निर्वासन से बचाने को दबाव बनाने के लिए बिल के खिलाफ थी। गैर कानूनी रूप से मैक्सिको और मध्य एशिया से अमेरिका आए बच्चे 'ड्रीमर्स' कहे जाते हैं। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इन्हें रहने, पढ़ने और काम करने का अधिकार दिया था। अब ट्रंप इन्हें अमेरिका से निकालना चाहते हैं।

भारत के निर्यात पर पड़ सकता है असर

भारत के निर्यात पर पड़ सकता है असर

समाचार पोर्टल नवभारत टाइम्स ने इस हवाले से खबर प्रकाशित करते हुए लिखा है कि, दरअसल, अमेरिका में ऐंटी डेफिशिएंसी ऐक्ट लागू है, जिसके तहत फंड की कमी होने पर संघीय एजेंसियों को अपना कामकाज रोकना पड़ता है। दूसरी तरफ, सरकार इस फंड की कमी पूरी करने के लिए एक अल्पकालिक व्यय समझौता विधेयक लाती है, जिसे अमेरिकी प्रतिनिधि सभा और सीनेट में पारित कराना पड़ता है। यह विधेयक प्रतिनिधि सभा ने तो पारित कर दिया, लेकिन सीनेट ने नामंजूर कर दिया।

संघीय सरकार की बंदी, भारतीय निर्यातकों के लिए बुरी खबर

संघीय सरकार की बंदी, भारतीय निर्यातकों के लिए बुरी खबर

पत्र ने आगे लिख है कि, ईईपीसी इंडिया के अध्यक्ष रवि पी. सहगल ने कहा, 'अमेरिकी संघीय सरकार की बंदी की खबर निश्चित रूप से भारतीय निर्यातकों के लिए बुरी खबर है। क्योंकि देश से सर्वाधिक निर्यात की जानेवाली अर्थव्यवस्थाओं में अमेरिका प्रमुख है।' उन्होंने कहा कि इंजिनियरिंग क्षेत्र के लिए अमेरिका नंबर वन निर्यात गंतव्य है और मौजूदा वित्त वर्ष में इसमें मजबूत बढ़ोतरी देखी जा रही है।

60 हजार से ज्यादा कर्मचारी जा सकते हैं छुट्टी पर

60 हजार से ज्यादा कर्मचारी जा सकते हैं छुट्टी पर

NBT पोर्टल के मुताबिक, सहगल ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-दिसंबर की अवधि के दौरान अमेरिका को किए जाने वाले इंजिनियरिंग निर्यात में 50 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी रही है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा, 'अमेरिका के वाणिज्य और परिवहन विभाग के 60,000 से ज्यादा कर्मचारियों को बंदी के दौरान छुट्टी पर भेज दिया जाएगा, जिससे बंदरगाहों के संचालन के साथ ही समाशोधन भी प्रभावित होगा।'

एक साल पूरा होते ही खड़ा हुआ संकट

एक साल पूरा होते ही खड़ा हुआ संकट

समाचार पत्र न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, सरकार के सामने यह संकट ऐसे समय में आ खड़ा हुआ है, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति के रूप में अपना पहला साल पूरा कर रहे हैं। यह 'कामबंदी' पक्षपातपूर्ण असहमति के एक नए दौर की वजह बना है और दोनों पक्षों के लिए जोखिम पैदा करता है।

बहुमत के बावजूद खतरे में सरकार

बहुमत के बावजूद खतरे में सरकार

अमेरिका के इतिहास में यह पहली ऐसी आधुनिक सरकार है, जिसकी पार्टी का कांग्रेस के दोनों सदनों और व्हाइट हाउस पर नियंत्रण है, लेकिन इसके बावजूद उसे इस संकट का सामना करना पड़ा है। यह परिणाम व्हाइट हाउस में ट्रंप और सीनेट में अल्पमत के नेता चक शूमर के बीच आखिरी मिनट के दौरान बातचीत बेनतीजा रहने के बाद सामने आया है। व्हाइट हाउस ने हालांकि इस 'कामबंदी' के लिए फौरन ही डेमोक्रेट सांसदों को जिम्मेदार ठहरा डाला। ट्रंप ने शनिवार को कई ट्वीट कर डेमोक्रेट्स पर अमेरिकी लोगों के हितों के ऊपर राजनीति करने का आरोप लगाया।

English summary

Shutdown In Us Will Have Impact On Indian Export Says Eepc

Shutdown In Us Will Have Impact On Indian Export Says Eepc,
Story first published: Sunday, January 21, 2018, 15:05 [IST]
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