बजट 2018 को पारित करने में इन 7 लोगों की होगी अहम भूमिका
बजट को पेश करने में देश के वित्त मंत्रालय के हर व्यक्ति की भूमिका अहम होती है। लेकिन इस पूरे टीम में कुछ खास ऐसे व्यक्ति होते हैं जिनके बिना आम बजट को पारित करने की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। तो आइए जानते हैं आम बजट 2018 को पारित करने में वो कौन से 7 अहम व्यक्ति हैं जो भारत देश का अगला बजट पेश करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
डॉ. हसमुख अधिया
डॉ. हसमुख अधिया वित्त मंत्रालय में फाइनेंस एंड रेवेन्यू सेक्रेटरी हैं। अधिया वित्त मंत्रालय की अपेक्षाओं और विभागों की ओर से ज्यादा आवंटन की मांग को पूरा करने के बीच एक संतुलन बिठाने का काम करते हैं। साथ ही वो सरकार के वित्तीय घाटों पर भी ध्यान देते हैं। राजस्व सचिव होने के तौर पर अधिया बजट में टैक्स सुधारों के प्रस्तावों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। साथ ही पैसा कहां से जुटाया जाए यह भी अधिया की ही जिम्मेदारी है। विभिन्न सरकारी योजनाओं के लिए राशि आवंटित करने का काम भी उन्हीं के पास है।
सुभाष चंद्र गर्ग
सुभाष चंद्र गर्ग इकोनॉमिक अफेयर्स डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी हैं। इनकी जिम्मेदारी है कि सरकार को बताएं कि कहां से पैसा जुटाना है। इस काम के लिए वो लगातार रिजर्व बैंक के संपर्क में रहते हैं। वो बजट के सभी तरह के कामकाज से वाकिफ रहते हैं। आम बजट 2018 में इनका मुख्य काम है कि देश में नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाकर निजी सेक्टर में विकास को बढ़ावा दिया जाए।
नीरज कुमार गुप्ता
यह डिपार्टमेंट ऑफ इंवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट के सचिव हैं। इनका काम है सरकार के विनिवेश कार्यक्रम की देखरेख करना। 2016 में नीरज कुमार ने कैश रिच कंपनियों को बायबैक कर सरकार के लिए 15,982 करोड़ रुपए हासिल किए थे। बजट 2018 में इनका मुख्य काम राज्य की ओर से नियंत्रित उद्योग के एसेट को बढ़ावा देना और विनिवेश के जरिए संसाधनों को बढ़ावा देना और नए निवेश अवसरों की ओर आकार्षित करना है।
अरविंद सुब्रमण्यम
अरविंद सुब्रमण्यम मुख्य आर्थिक सलाहकार हैं। इनका मुख्य काम आर्थिक सलाहकार के तौर पर माइक्रोइकोनॉमिक्स स्टेबिलिटी को बनाए रखना और निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाना और सालाना इकोनॉमिक सर्वे को सेव करना है। इन्होंने रघुराम राजन के साथ मिलकर इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड में काम किया है।
राजीव कुमार
ये डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज के सचिव हैं। इन्होंने ब्यूरोक्रेट के ऑनलाइन परफॉर्मेंस की अप्रेजल रिर्पोट में अहम भूमिका निभाई है। इनकी मुख्य जिम्मेदारी वित्तीय संस्थान, बैंक, बीमा कंपनी और नेशनल पेंशन सिस्टम की देखरेख करना है।
प्रशांत गोयल
प्रशांत डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स के साथ मिलकर काम करते हैं। ये इस बजट में ज्वाइंट सेक्रेटरी के तौर पर कार्य कर रहे हैं। फैक्ट को कैसे एकत्रित किया जाए और उसकी समीक्षा कैसे की जाए जिसके आधार पर बजट की रुपरेखा तैयार होती है यह सब कुछ उनकी देखरेख में होता है। साथ ही ये एक कोर टीम का नेतृत्व भी करते हैं जो कि कुल राजस्व को बढ़ाने के लिए नए प्रस्तावों, ज्यादा फंड को जुटाने के तरीकों, घाटे के स्तर को कम करने और अन्य आंकड़ों पर चर्चा करते हैं।
अरुण जेटली
अरुण जेटली वित्त मंत्री हैं भले की ये अंदर के काम में सहयोग न करें लेकिन इनके इनके बगैर बजट को पेश करना संभव ही नहीं है। बिना इनके अनुमति के वित्त मंत्रालय का कोई भी काम आगे नहीं बढ़ सकता है।