बजट पेश करने से पहले 'हलवा' क्यों खिलाते हैं वित्तमंत्री?
2018 का बजट कुछ खास होने वाला है, क्योंकि इस बार का बजट 1 फरवरी को पेश होगा। ऐसा पहली बार होगा कि बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। वहीं मजे की बात ये है कि जीएसटी के कारण इस बार के बजट का बोझ काफी कम होगा। वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी काउंसिल फैसले लेगी। बजट से पहले कुछ वित्तमंत्री और उनकी टीम कुछ खास काम करती है जिससे जुड़े फैक्ट्स और दिलचस्प बातें आपको बता रहे हैं। आइए एक नजर बजट के दिलचस्प फैक्ट्स पर।
हलवा बनाओ और खिलाओ
आम बजट पेश होने से पहले वित्तमंत्री बजट तैयार हो जाने के बाद और उसकी कॉपी प्रिंट होने ते बाद वित्तमंत्री बजट बनाने में मौजूद सभी लोगों को हलवा खिलाते हैं। इस हलवा समारोह में वित्त सचिव, राजस्व सचिव, आर्थिक मामलों के सचिव और मंत्रालय के अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहते हैं। परंपरागत हलवा बांटने के बाद बजट बनाने और छपाई प्रक्रिया से जुड़े बड़ी संख्या में अधिकारियों और सहायक कर्मचारियों को मंत्रालय में ही रहना पड़ता है।
परिवार से दूर रहते हैं सभी कर्मचारी
लोकसभा में बजट पेश होने तक उनका अपने परिवारों से भी संपर्क नहीं रहता। उन्हें अपने नजदीकी लोगों रिश्तेदारों से भी फोन या ई-मेल आदि के जरिए संपर्क करने की अनुमति नहीं होती है। वित्त मंत्रालय में सिर्फ बेहद वरिष्ठ अधिकारियों को ही अपने घर जाने की अनुमति होती है।
लॉक रहता है बजट
1 फरवरी को बजट पेश होगा। हलवा समारोह के बाद मुख्य बजट की कॉपी की प्रिंटिंग शुरु हो जाती है। करीब 100 अधिकारी बजट छापने की प्रक्रिया से जुड़े रहते हैं और वे 1 फरवरी को बजट पेश होने तक नार्थ ब्लाक में ही ‘बंद' रहेंगे। यह बजट को गोपनीय रखने के उपायों का हिस्सा है।
पहला बजट 26 नवंबर को पेश हुआ था पहला बजट
नार्थ ब्लाक में बजट प्रेस में ही इन अधिकारियों को वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश करने तक रहना होता है। देश का पहला आम बजट 26 नवंबर, 1947 को आर के षणमुखम शेट्टी ने पेश किया था। बजट पेश होने तक मंत्रालय में ही रहेंगे कई अफसर बजट निर्माण और इसकी छपाई की प्रक्रिया से सीधे तौर पर जुड़े अफसर और कर्मचारी अब मंत्रालय में ही रहेंगे।
फोन-मोबाइल-ईमेल बंद
वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश किए जाने तक अब वे अपने परिवार और अन्य लोगों के संपर्क में नहीं रहेंगे। इन लोगों को अपने जानने वालों से ईमेल, फोन या किसी दूसरे माध्यम से संपर्क करने की भी मनाही होती है। सिर्फ वित्त मंत्रालय के बेहद सीनियर अफसरों को ही घर जाने की छूट होती है।
100 कर्मचारी रहते हैं बजट की प्रक्रिया में शामिल
बजट की छपाई में करीब 100 कर्मचारी शामिल हैं। वे बजट पेश होने तक अब नॉर्थ ब्लॉक स्थित दफ्तर में ही बंद रहेंगे। इस प्रक्रिया का मकसद बजट के तथ्यों को गुप्त बनाए रखना होता है।